Cryptocurrency News: अगर क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगा तो जानिए कितना समय देगी सरकार, ये है पूरी योजना
Cryptocurrency News: केंद्र सरकार क्रिप्टोकरंसी के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लाने जा रही है. इस पर देशव्यापी बैन लग सकता है.
Cryptocurrency News: सरकार ने भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से संसद के शीतकालीन सत्र में 'क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' लाने की तैयारी शुरू कर दी है. देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की तादाद भी कम नहीं है. ऐसे में इन निवेशकों की सुरक्षा के लिए भी नियम तय पर विचार किया जा रहा है.
सरकारी अधिकारियों की मानें तो अगर सरकार क्रिप्टो को प्रतिबंधित करने का कानून बनाती है तो इसमें निवेश करने वाले निवेशकों को अनियमित बाजार से बाहर निकलने का समय भी दिया जा सकता है.
देना होगा टैक्स
क्रिप्टोकरेंसी बिल को लेकर सरकार की तैयारियों से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि सरकार निजी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून बनाने के साथ-साथ इस बात पर भी ध्यान दे रही है कि इसमें निवेश करने वाले भारतीयों की परेशानी कैसे घटाई जा सके. उन्होंने बताया कि ऐसे निवेशकों को बाजार से निकलने के लिए सरकार की ओर से समय दिया जा सकता है.
हालांकि, निवेशों से होने वाले सभी लाभ को आय या पूंजीगत लाभ के रूप में माना जाएगा और उस पर उचित रूप से कर लगाया जाएगा. एक अधिकारी ने कहा कि निवेशकों के पास क्रिप्टो के अनियमित बाजार से बाहर निकलने के लिए पर्याप्त समय मौजूद होगा.
शीतकालीन सत्र में बिल
संसंद का मानसून सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है. जानकारी के मुताबिक सरकार क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा के रूप में प्रतिबंधित कर सकती है, लेकिन इसके बजाए एक परिसंपत्ति वर्ग जैसे म्यूचुअल फंड के रूप में अनुमति देना जारी रख सकती है.
मिल सकता है इतन समय
अधिकारियों के मुताबिक निवेशकों को संसद में विधेयक पेश किए जाने और फिर दोनों सदनों द्वारा पारित होने के समय से या फिर संभावित प्रतिबंध लागू होने की तारीख से तीन महीने के बफर की अनुमति दिए जाने की संभावना है.
अपराधियों की मददगार डिजिटल करंसी
इस बात की आशंका है कि दुनिया भर की सरकारें आतंक-वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दों का सामना कर रही हैं, इनमें क्रिप्टोकरेंसी का भी अहम योगदान हो सकता है. यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय अंतर सरकारी निकाय, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने भी आगाह किया है कि डिजिटल मुद्राएं अपराधियों के लिए अपनी अवैध गतिविधियों को वित्तपोषित करने के नए अवसर पैदा कर सकती हैं.
यही वजह है कि निजी डिजिटल करेंसी को अनुमति नहीं दी जा सकती है. लेकिन, अगर लोग टैक्स चुकाने बाद बाहर निकलना चाहते हैं तो उन्हें उचित समय दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें
How you can Save more Tax: जानिए कैसे नेशनल पेंशन स्कीम में 50,000 रुपये निवेश कर बचा सकते हैं टैक्स