Cryptocurrency: बजट 2022-23 पेश करते हुए क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 30 फीसदी का टैक्स लगा दिया. जिसका बाद से लोगों के मन में ये सवाल कौंध रहा है कि क्या सरकार ने टैक्स लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को मानूनी मान्यता दे दी है. क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने केवल क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर कर लगाया है और इसे वैध या प्रतिबंधित या रेग्युलेट करने के लिए कुछ भी नहीं किया है.
दरअसल वित्त मंत्री ने ऐसे समय में ये बात की है जब क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है जो इस ओर इशारा कर रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने का मतलब इसे कानूनी मान्यता देना है.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर 20 फीसदी टैक्स ऐसे समय में लगाया गया है जब सरकार क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक पर विचार कर रही है. बजट सत्र के दौरान लिस्टेड सूची में इस विधेयक का जिक्र नहीं है. निजी क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाने के मुद्दे को सरकार को आरबीआई के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा रहा है जो इसे देश की वित्तीय स्थिरता पर खतरा बता रहा है.
आरबीआई (Reserve Bank Of India) गर्वनर शक्तिकांत दास गुरुवार को एक बार फिर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर आगाह करते हुये इसे चिंता का कारण करार दिया है. आरबीआई गर्वनर ( RBI Governor) ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक ( Macro Economic) और वित्तीय स्थिरता (Financial Stability) के नजरिये से बेहद खतरनाक है.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार आरबीआई का रुख अलग
आपको बता दें ये पहला मौका नहीं है जब क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आरबीआई गर्वनर का ये बयान आया है. उन्होंने पहले भी कई मौकों पर ये बयान दिया है. एक तरफ आरबीआई क्रिप्टो को खतरनाक बता रहे हैं दूसरी तरफ सरकार क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स लगाकर उसे वैधानिक दर्जा देती नजर आ रही है. जबकि संसद में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लाया जाने वाले बिल का अता-पता नहीं है.
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