दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में भारी गिरावट, इस वजह से सात हफ्ते के निचले लेवल तक गिरी
Bitcoin Rate Down: बिटकॉइन के रेट में जोरदार तेजी हाल के दिनों में देखी गई थी लेकिन क्रिप्टकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के एक कदम के बाद इसके रेट में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है.
Bitcoin Rate Decline: दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के लिए 22 जनवरी का दिन बड़ी गिरावट लेकर आया जब ये सात हफ्तों के निचले स्तर तक चली गई. कल की बड़ी गिरावट के बाद बिटकॉइन के रेट अब 35,000 डॉलर के भी नीचे आ गए हैं. इसमें ये बड़ी गिरावट एक कारण से देखी जा रही है. दरअसल 11 जनवरी को 11 स्पॉट बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) को लॉन्च किया गया है जिसके असर से बिटकॉइन के रियलटाइम रेट में बड़ी कमजोरी आ गई है.
बिटकॉइन का ताजा रेट जानें
सात हफ्ते के निचले स्तर पर आने के बाद बिटकॉइन इस समय करीब 4 फीसदी की बड़ी गिरावट के साथ ट्रेड कर रही है. बिटकॉइन 33,03539 डॉलर के रेट पर बनी हुई है और इसमें चौतरफा कमजोरी का रुख देखा जा रहा है. हालांकि इस समय क्रिप्टोकरेंसी के मार्कट में भी गिरावट का लाल निशान ही छाया हुआ है और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम में भी 4.65 फीसदी की गिरावट बनी हुई है और ये 1,93,663 डॉलर के रेट पर है.
हाल ही में दिखी थी बिटकॉइन में तेजी
बिटकॉइन के रेट में हाल में ही बड़ी तेजी देखी गई थी क्योंकि इसकी वैल्यू में और इजाफा होने का एक बड़ा कारण सामने आया. अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने बिटकॉइन ईटीएफ को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद बिटकॉइन के निवेश में नए इंवेस्टर्स के आने की उम्मीद थी और इस पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी ने अगस्त 2023 के लेवल से करीब 70 फीसदी की उछाल दिखा दी थी. हालांकि इसका उल्टा हो गया.
पहले तेजी और फिर आ गई बिटकॉइन में बड़ी गिरावट- जानें कारण
दरअसल बिटकॉइन ईटीएफ एप्लीकेशन में ग्रेस्केल इंवेस्टमेंट को पैसा लगाने से मना कर दिया था लेकिन यूएसए में एक फेडरल कोर्ट ने एसईसी को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए कहा था. इसके बाद निवेशकों को उम्मीद बनी कि बिटकॉइन ईटीएफ में ग्रेस्केल निवेश अच्छी संख्या में आएगा. हालांकि ऐसा नहीं हुआ और एफटीएक्स (2022 में बैंकरप्ट हो चुका है) ने बिटकॉइन ईटीएफ में 22 मिलियन शेयर बेच डाले जिनकी कीमत 1 बिलियन डॉलर के करीब थी. इस आउटफ्लो के कारण बिटकॉइन को भारी नुकसान हुआ और ये 4 दिसंबर 2023 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है.
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