Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी दुनिया (World) में नए मुकाम स्थापित करने में लगी है और कई देशों में उसे करंसी के समान ही ट्रीट किया जा रहा है. लेकिन भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार को लगता है ये समुद्री लुटेरों की दुनिया के समान है. दरअसल भारत की मुद्रा की कसौटी पर इसे खरा उतरता हुआ अभी तक नहीं देखा गया है. यही वजह है कि इसके लिए इस तरह की बाते की जा रही हैं.


देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित (Regulate) करना भी मुश्किल होगा. क्रिप्टोकरेंसी की फिएट करेंसी से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि फिएट सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा है और यह किसी कीमती धातु की जगह जनता के सरकार में भरोसे (Trust) पर टिकी होती है.


इन तमाम बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती क्रिप्टोकरेंसी


उन्होंने ये भी कहा कि फिएट करेंसी के विपरीत, क्रिप्टोकरेंसी निहित मूल्य, व्यापक स्वीकार्यता और मौद्रिक इकाई जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती हैं. बकौल मुख्य आर्थिक सलाहकार, क्रिप्टोकेंरसी समुद्री लुटेरों की दुनिया के समान है जहां जीतने वाला सबकुछ लेकर चला जाता है.


नागेश्वरन ने विकेंद्रीकृत वित्त (Decentralized Finance) का जिक्र करते हुए कहा, “हालांकि, इसे नवाचार माना जाता है, लेकिन मैं अपना निर्णय सुरक्षित रखूंगा कि क्या यह वास्तव में नवाचार है या यह कुछ ऐसा है, जिस पर हमें पछतावा होगा.” उन्होंने एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि वह आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रवि शंकर से सहमत हैं. बकौल नागेश्वरन, वह कहते हैं कि क्रिप्टो करेंसी और विकेंद्रीकृत वित्त फाइनेंशियल इनोवेशन का कम और रेगुलेटरी मीडिएशन का मामला ज्यादा लग रहा है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो या डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस जैसे नए फाइनेंशियल इनोवेशन को अभी कई परीक्षाएं पास करनी बाकी है.


क्रिप्टोकरेंसी पर परामर्श पत्र लगभग तैयार


आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा है कि केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर परामर्श पत्र लगभग तैयार कर लिया है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर एक वैश्विक सहमति बननी चाहिए. बकौल सेठ, भारत क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने से पहले अन्य देशों द्वारा उसे लेकर उठाए गए कदमों पर गौर करेगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही यह परामर्श पत्र (Consultation Paper) पेश किया जाएगा.


भारत ने क्रिप्टोकरंसी पर लगाया है कितना टैक्स?


वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगा दिया था. हालांकि, सरकार की तरफ से अभी देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी गई है. भारत क्रिप्टो असेट और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर करता है. टैक्स के संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय कहा था कि मुनाफे पर 30 प्रतिशत के टैक्स के अलावा 1 प्रतिशत टीडीएस भी कटेगा. क्रिप्टो पर टैक्स 1 अप्रैल से लागू हुआ था.


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