Cryptocurrency News: सिर्फ गिरावट ही नहीं गलत सूचनाएं भी पहुंचा रही हैं नुकसान, क्रिप्टोकरंसी को लेकर हो जाएं सतर्क
Cryptomarket News: स्टेबल क्वाइन टेरा लूना में जो गिरावट आई उसकी किसी निवेशक ने उम्मीद ही नहीं की थी, लेकिन यह देखते ही देखते 100 पर्सेंट तक टूट गई. इसके बाद आनन-फानन में कई एक्सचेंज से ये हटा दी गई.
Cryptocurrency News Update: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) भले ही लीगल टेंडर नहीं है, लेकिन फिर भी देश में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकार के सख्त रुख के बावजूद पिछले दिनों आई रिपोर्ट की मानें तो पहली बार क्रिप्टो में पैसा लगाने वाले निवेशकों के मामले में भारत अव्वल रहा. गौरतलब है कि क्रिप्टो बाजार (Crypto Market) बेहद उतार-चढ़ाव वाला मार्केट है और इसमें कब निवेशक आसमान पर पहुंच जाए और कब एक झटके में गिरकर जमीन पर आ गिरे, कहा नहीं जा सकता. पिछले दिनों टेरा लूना का हश्र इसका हालिया उदाहरण है. ऐसे में निवेशकों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि टेरा लूना में जो गिरावट आई उसकी किसी निवेशक ने उम्मीद ही नहीं की थी, लेकिन यह देखते ही देखते 100 पर्सेंट तक टूट गई. बाद में आनन-फानन में कई एक्सचेंज ने इसे अपने प्लेटफॉर्म से ही हटा दिया. बिनांस क्वाइन क्रिप्टोएक्सचेंज के सीईओ और फाउंडर चांगपेंग झाओ को तो लूना ने ऐसा झटका दिया कि उनके लिए उबरना भी मुश्किल हो गया.
यहां भी आई बंपर गिरावट
झाऊ को एक झटके में करीब एक अरब डॉलर का नुकसान हो गया. उनके नुकसान का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने खुद बयान देकर कह दिया कि 'मैं फिर से गरीब हो गया'. झाऊ के अलावा एक रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि सोशल मीडिया पर केएसआई (KSI) के नाम से मशहूर ओलाजिदे ओलायिंका विलियम्स नामक चर्चित यूट्यूबर ने करीब 21 करोड़ रुपये से अधिक गंवा दिए. ऐसे ही न जानें कितने निवेशक इस गिरवट से बुरी तरह कंगाल हो गए.
क्रिप्टो पर और टैक्स की तैयारी
वहीं भारत में क्रिप्टो के प्रति सख्त रुख अख्तियार करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार दोनों ने निवेशकों को हमेशा से ही इससे होने वाले नुकसान के प्रति आगाह किया है. हालांकि, देश में क्रिप्टो प्रतिबंध नहीं लगाया गया लेकिन सरकार ने बजट 2022 में इस पर भारी भरकम 30 पर्सेंट टैक्स लागू कर दिया जो कि एक अप्रैल से प्रभावी है.
साथ ही किसी भी डिजिटल एसेट के ट्रांजैक्शन पर एक पर्सेंट की दर से टीडीएस का नियम भी लागू है. वहीं अब इसे जीएसटी (GST) के दायरे में लाकर पहले से लागू टैक्स के अतिरिक्त 28 पर्सेंट और टैक्स लगाने की कवायद शुरू कर दी गई है. जिसके चलते क्रिप्टो निवेशकों में भारी बेचैनी है.
जागरुकता की कमी से बढ़ रहे इसमें घोटाले
क्रिप्टो बाजार में आजकल कई तरह के घोटाले भी सामने आते रहते हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स के सीईओ और संस्थापक निश्चल शेट्टी की मानें तो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर सामने आने वाले अधिकांश घोटालों की अब भी बड़ी वजह गलत सूचनाएं ही सामने आई हैं. उनका कहना है कि क्रिप्टो में अपनी गाढ़ी कमाई लगाने के दौरान निवेशकों को जागरूक रहने की जरूरत है, जागरूकता की कमी ही उन्हें नुकसान पहुंचाने का कारण बन जाती है.
उन्होंने ये भी बताया है कि प्लेटफॉर्म पर इस तरह के फ्रॉड की शिकायतों के बाद 17,218 खाते लॉक कर दिए गए, जो अप्रैल-सितंबर 2021 की तुलना में 19 पर्सेंट की वृद्धि दर्शाता है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो से संबंधित धोखाधड़ी के 95 पर्सेंट से अधिक मामले ब्लॉकचैन ईकोसिस्टम के बाहर आधारित हैं.
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