Tax on Crypto: क्रिप्टो ऐसेट्स पर TDS के जरिए सरकार ने वसूला 158 करोड़ रुपये का डायरेक्ट टैक्स
TDS on Crypto Assets: सरकार की ओर से संसद में ये जानकारी दी गई है कि क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजेक्शन धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 और आयकर अधिनियम, 1961 जैसे विभिन्न कानूनों के प्रावधानों के अधीन हैं.
TDS on Crypto Assets: वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) के हस्तांतरण पर किए गए भुगतान पर टीडीएस यानी स्रोत पर कर कटौती के माध्यम से 20 मार्च, 2023 तक कुल 157.9 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर एकत्र किया गया. संसद में यह जानकारी दी गई है.
क्रिप्टो अभी भारत में विनियमित नहीं हुई
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया- क्रिप्टो करेंसी वर्तमान में देश में अनियमित हैं, हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 और आयकर अधिनियम, 1961 जैसे विभिन्न कानूनों के प्रावधानों के अधीन हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय स्थिरता बोर्ड ने क्रिप्टो-एसेट गतिविधियों और बाजारों के विनियमन, पर्यवेक्षण और निरीक्षण शीर्षक वाले अपने परामर्शी दस्तावेज में कहा है कि क्रिप्टो एसेट मार्केट में निवेश और गतिविधि काफी हद तक स्व-निहित है और वास्तविक अर्थव्यवस्था के सीमित कनेक्शन के साथ ज्यादातर सट्टा उद्देश्यों के लिए है.
रिजर्व बैंक क्रिप्टो ऐसेट्स को बताता रहा है खतरा
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने करीब 10 दिन पहले कहा था कि क्रिप्टो मुद्राएं/संपत्ति या जैसे, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बैंकों के लिए एक वास्तविक खतरा हो सकता है. रिजर्व बैंक ने इन सभी क्षेत्रों में आवश्यक कदम उठाए हैं. वित्तीय क्षेत्र और विनियमित संस्थाओं के विनियमन और पर्यवेक्षण को उपयुक्त रूप से मजबूत किया गया है.
नियामक कदमों में, अन्य बातों के अलावा, उत्तोलन अनुपात (जून 2019) का कार्यान्वयन, बड़े एक्सपोजर फ्रेमवर्क (जून 2019), वाणिज्यिक बैंकों में शासन पर दिशानिर्देश (अप्रैल 2021), मानक संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण पर दिशानिर्देश (सितंबर 2021), एनबीएफसी के लिए स्केल-आधारित नियामक (एसबीआर) ढांचा (अक्टूबर 2021), माइक्रोफाइनेंस के लिए संशोधित नियामक ढांचा ( अप्रैल 2022), शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए संशोधित नियामक ढांचा (जुलाई 2022) और डिजिटल ऋण देने पर दिशानिर्देश (सितंबर 2022) शामिल हैं.
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