वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) मोदी सरकार (Modi Government) का 14वां बजट (Budget) देश के सामने पेश करेंगी. हालांकि, बजट से पहले ही उनके पास एक खास चिट्ठी पहुंच गई है, जिसमें कई बड़ी मांग की गई है. इसमें एक तरफ जहां, 'इनकम टैक्स' का नाम बदलने की मांग की गई है, वहीं दूसरी ओर मीडिल क्लास को राहत देने के लिए इनकम टैक्स में छूट की सीमा 10  लाख रुपये किए जाने की मांग की गई है. चलिए, जानते हैं किसने लिखी है वित्त मंत्री को ये चिट्ठी और इसमें क्या-क्या मांग की गई है.


किसने लिखी ये चिट्ठी


सीटीआई (Chamber of Trade and Industry) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए, उन्होंने वित्त मंत्री से 10 बड़ी मांग की है. ये मांग हैं- 


1. वृद्ध टैक्सपेयर को उनके टैक्स के आधार पर ओल्ड ऐज बेनीफिट मिलना चाहिए,  टैक्सपेयर की वृद्धावस्था में पिछले वर्षों में दिये गये इनकम टैक्स के हिसाब से उन्हें सोशल सिक्योरिटी और रिटायरमेंट बेनिफिट दिये जाएं. 


2. मीडिल क्लास को राहत देने के लिए इनकम टैक्स में छूट की सीमा 10  लाख रुपये की जाए. 


3.कार्पोरेट्स और बड़ी कंपनियों को बैंक लोन सस्ती ब्याज दर से मिल जाता है, लेकिन मीडिल क्लास और छोटे व्यापारियों के लिए केन्द्र सरकार की जो मुद्रा योजना है उसमें उनको कहीं ज्यादा ब्याज देना पड़ता है, इसलिए हमारी मांग है कि मिडिल क्लास को सस्ती ब्याज दरों पर लोन मिलना चाहिए.


4. इनकम टैक्स में 45 दिन में पेमेंट और जुर्माने का जो नया नियम आया है, इससे करोड़ों व्यापारी और MSME व्यापारी परेशानी झेल रहे हैं, इसको वापस लिया जाए. 


5. जीएसटी की नई एमनेस्टी स्कीम का लाभ उन व्यापारियों को भी मिलना चाहिए जो पहले ही टैक्स, ब्याज और पेनल्टी जमा करा चुके हैं.


6. पिछले कुछ सालों से मेडिकल इंस्योरेंस प्रीमियम बुरी तरह से बढ़ा है, जिससे मध्यम वर्ग को भारी परेशानी हो रही है.


7. इनकम टैक्स में भी जीएसटी की तरह हाइब्रिड सिस्टम होना चाहिए, जिससे कि उसको व्यक्तिगत हियरिंग का मौका मिल सके.


8. आम जरूरत की बहुत सारी चीजों पर अभी भी 28 फीसदी और 18 फीसदी GST लगता है, इसलिए GST की दरों को तर्कसंगत बनाया जाए. 


9. केन्द्र सरकार को व्यापारियों और उद्यमियों के लिए ट्रेड एंड इंडस्ट्री डेवलपमेंट बोर्ड का गठन करना चाहिए.


10. इनकम टैक्स का नाम बदलकर 'राष्ट्र निर्माण सहयोग निधि' रखा जाए जिससे कि लोगों में ज्यादा से ज्यादा टैक्स देने की भावना जागृत हो. इसके अलावा, दिल्ली के बाजारों और औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास के लिए अलग से 1000 करोड़ रुपए के फंड की घोषणा केन्द्र सरकार करे.


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