Currency In Circulation Update: करेंसी सर्कुलेशन पर लगाम कसने के मकसद से किए गए नोटबंदी के फैसले के बावजूद देश में नोटों का सर्कुलेशन लगातार बढ़ा जा रहा है. लोकसभा में सरकार द्वारा दिए गए लिखित जवाब में ये जानकारी सामने आई है. 2016 में जहां 16,41,571 करोड़ रुपये के नोट्स सर्कुलेशन में थे जो 2022 में बढ़कर 31,05,721 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है.
करेंसी सर्कुलेशन में जबरदस्त उछाल
दरअसल लोकसभा में सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार को ये जानकारी है कि 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी के फैसले के 5 सालों बाद लोगों के पास करेंसी का सर्कुलेशन बढ़ा है. अगर ऐसा है तो पब्लिक के पास कितना कैश पड़ा है और पिछले सालों के मुकाबले कितना बढ़ा है. इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 31 मार्च 2016 तक 16,41,571 करोड़ रुपये सर्कुलेशन में था. जो नोटबंदी के चलते 31 मार्च 2017 को घटकर 13,10,193 करोड़ रुपये पर आ गया था. लेकिन इसके बाद से लगातार करेंसी सर्कुलेशन में बढ़ोतरी देखी गई और 31 मार्च 2018 को बढ़कर 18,03,709 करोड़ रुपये, 31 मार्च 2019 तक 21,10,892 करोड़ रुपये, 31 मार्च 2020 तक 24,20,975 करोड़ रुपये, 31 मार्च 2021 को बढ़कर 28,26,863 करोड़ रुपये और 31 मार्च 2022 को बढ़कर 31,05,721 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है.
नगदी घटाना सरकार का मिशन
करेंसी सर्कुलेशन के बढ़ने के कारणों पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि करेंसी की मांग मैक्रो-इकोनॉमिक फैक्टर्स पर निर्भर करती है जिसमें आर्थिक विकास दर और ब्याज दरों का स्तर शामिल है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में नगदी को घटाना सरकार का मिशन है. साथ ही डिजिटल इनकोनॉमी को बढ़ावा देते हुए कालेधन धन के जेनरेशन और सर्कुलेशन को रोकना शामिल है.
कैश घटाने के लिए नोटबंदी का फैसला
आपको बता दें 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime MInister Narendra Modi) ने नोटबंदी ( Demonetisation) का ऐलान कर पुराने 500 और 1000 रुपये को नोट को बैंकिंग सिस्टम ( Banking Sysytem) से वापस ले लिया था. मकसद था डिजिटल बैंकिंग ( Digital Banking) को बढ़ावा दिया जाये. लोग डेबिट कार्ड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, वॉलेट से भुगतान और मोबाइल बैंकिंग ज्यादा करें और नगद पर निर्भरता को कम किया जाए.
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