नई दिल्लीः कल रात केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 13 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है. हालांकि एक राहत की बात है कि इस भार को ग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा और तेल कंपनियां इस बोझ को वहन करेंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरकार ने आपको राहत नहीं दी है बल्कि आपको जो राहत मिल सकती थी उसे छीन लिया है. अगर सरकार इस एक्साइज ड्यूटी को नहीं बढ़ाती तो आपको पेट्रोल-डीजल 10 रुपये से ज्यादा सस्ता मिल सकता था. यहां जानें कैसे
कच्चे तेल में भारी गिरावट के बावजूद लोगों को सस्ता पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों का कोई भी फायदा भारतीय ग्राहकों को नहीं मिल पाएगा क्योंकि सरकार ने इस पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा दिया है. इस बढ़ी हुई एक्साइज ड्यूटी को ऑयल मार्केटिंग कंपनियां उठाएंगी और इसके चलते वो ग्राहकों को जो सस्ते तेल का फायदा दे सकती थीं वो नहीं दे पाएंगी. अगर सरकार पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी नहीं बढ़ाती तो तेल कंपनियों को इस समय पेट्रोल पर कम टैक्स देना पड़ता और इसका फायदा वो ग्राहकों को इसके दाम घटाकर दे सकती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा.
कितना सस्ता हुआ था कच्चा तेल
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मांग नहीं होने के चलते पिछले महीने ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 18.10 डॉलर के निम्न स्तर पर पहुंच गई थी. यह 1999 के बाद से सबसे कम कीमत थी. हालांकि इसके बाद कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हुई और यह 28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई. हालांकि ये सवाल बरकरार है कि जब कच्चा तेल महंगा होता है तो सरकार तुरंत पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा कर देती हैं और जब क्रूड सस्ता होता है तो इसका फायदा पेट्रोल-डीजल के सस्ते होने के रूप में क्यों नहीं देती है.
पेट्रोल-डीजल पर लगता है भारी टैक्स
देश की राजधानी दिल्ली में इस समय पेट्रोल 71.26 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा है. पेट्रोल की जो कीमत हम चुकाते हैं वो सारी रकम कंपनियों को नहीं मिलती. पेट्रोल की मूल कीमत तो कम है लेकिन कुल कीमत में से आधे से ज्यादा पैसा टैक्स के रूप में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को चला जाता है.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने जानकारी दी है कि इस समय एक लीटर पेट्रोल की कीमत एक्स फैक्ट्री कीमत या बेस प्राइस 17.96 रुपये है. इसमें केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी के रूप में 32.98 रुपये लगाती है. इसके ऊपर 32 पैसे ढुलाई खर्च के रूप में लिया जाता है. इसके बाद 3.56 पैसे का डीलर कमीशन और राज्य सरकार का वैट 16.44 रुपये लग रहा है. इसके अलावा डीलर कमीशन पर भी राज्य सरकार का वैट लागू होता है. कुल मिलाकर पेट्रोल की कीमत 71.26 रुपये तक पहुंच जाती है. इसमें केंद्र और राज्य सरकार का टैक्स 49.42 रुपये है तो इस तरह 18 रुपये प्रति लीटर का पेट्रोल सभी तरह के टैक्स और कमीशन को मिलाकर 71 रुपये से ज्यादा हो जाता है.
कल दिल्ली सरकार ने बढ़ाया था पेट्रोल-डीजल पर वैट
दिल्ली सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया था और इसके बाद पेट्रोल के दाम में 1.67 रुपये और डीजल के भाव में 7.10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा कर दिया था. इसके बाद पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 71.26 रुपये और डील के दाम 69.39 रुपये हो गए थे.
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