हर इंसान बड़ी उम्मीदों के साथ नई कार खरीदता है. उसके लिए सालों से पैसे जोड़ता है या बैंकों से कर्ज उठाता है. इतने जतन के बाद अगर नई कार ही खराबी के साथ मिले तो स्वाभाविक है निराशा होगी. ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं और खराबी के साथ कार मिलने पर ग्राहक परेशान होते रह जाते हैं. एक ऐसे ही मामले में एक ग्राहक को अब लाखों रुपये का मुआवजा मिलने वाला है.


सर्विस सेंटर से नहीं ठीक हुई दिक्कत


यह मामला है हरियाणा के अंबाला के रहने वाले सुखजिंदर सिंह का. सालों पहले उन्होंने हुंडई की वर्ना कार खरीदी थी. 2013 में खरीदी गई नई कार में शुरुआत से ही दिक्कतें आने लगी थीं. कार के इंजन में खराबी को सही कराने के लिए वह परेशान होते रहे. उन्हें 16 महीने के अंदर 6 बार सर्विस सेंटर जाना पड़ गया, लेकिन उसके बाद भी इंजन की समस्या ठीक नहीं हुई. सर्विस सेंटर में उसे ठीक किया जाता रहा और सुखजिंदर सिंह की कार के इंजन में दिक्कतें आती रहीं.


15 लाख रुपये से ज्यादा मुआवजा


अंत में मजबूर होकर सुखजिंदर सिंह ने उपभोक्ता मामलों की अदालत का रुख किया. विभिन्न कंज्युमर फोरमों में उन्होंने लगभग 10 साल न्याय के लिए लड़ाई की और अब जाकर उन्हें जीत हासिल हुई. नेशनल कंज्युमर डिस्पुट्स रिड्रेसल कमिशन (एनसीडीआरसी) ने कार कंपनी हुंडई मोटर्स इंडिया को मुआवजा देने के लिए कहा है. कमिशन के आदेश के अनुसार, हुंडई मोटर्स प्रभावित ग्राहक सुखजिंदर सिंह को हर्जाने में 15.1 लाख रुपये का भुगतान करेगी.


ब्याज समेत लौटाने होंगे पैसे


सुनवाई में एनसीडीआरसी ने माना कि कार के इंजन में शुरुआत से खराबी थी और उसे बदलने की जरूरत थी. चूंकि कंपनी इतने साल बीत जाने के बाद इंजन नहीं बदल पाई, कमिशन ने कंपनी को कहा कि वह ग्राहक को पूरे पैसे रिफंड करे. खरीद की कीमत के साथ कमिशन ने इतने सालों के लिए ब्याज का भी भुगतान करने को कहा.


एनसीडीआरसी ने सुनाया ये फैसला


एनसीडीआरसी ने कहा- ग्राहक के द्वारा कार 17 अगस्त 2011 को खरीदी गई थी. यानी कार की उम्र के 13 साल से ज्यादा बीत चुके हैं. अब अगर कंपनी कार का इंजन बदल भी देती है तो उसके इस्तेमाल के लिए बहुत कम समय बचा है, क्योंकि कुछ ही साल में कार का रजिस्ट्रेशन एक्सपायर हो जाएगा. मतलब ग्राहक ने कार खरीदने में जो इन्वेस्ट किया, उसे उसका फायदा नहीं मिल पाएगा. ऐसे में कंपनी को पूरे पैसे ब्याज समेत लौटाने होंगे.


डिस्ट्रिक्ट फोरम ने दिया था ये आदेश


इससे पहले डिस्ट्रिक्ट फोरम ने कई साल पहले अपने आदेश में कंपनी को इंजन बदलने का आदेश दिया था. इस संबंध में डिस्ट्रिक्ट फोरम का फैसला 17 जून 2016 को आया था, जिसमें हुंडई मोटर्स को कहा गया था कि वह खराब कार के इंजन को बदले. हालांकि कंपनी ने डिस्ट्रिक्ट फोरम के आदेश का पालन नहीं किया.


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