HealthCare Budget 2023 : केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2023 को बजट (Budget 2023) पेश करने जा रही हैं. इस बजट में हेल्थकेयर टेक इंडस्ट्री (Healthcare Tech industry) के बजट में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि हेल्थ के पूरे सिस्टम में काफी सुधार करने की जरूरत है. वही मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MTAI) ने देश में हेल्थकेयर से जुड़े उपकरणों पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी को कम और इन पर लगने वाले वाले हेल्थ टैक्स को हटाने की मांग की है. जानिए इसके पीछे क्या वजह है, जिसके कारण एसोसिएशन ने ऐसी मांग उठाई है.


सीमा शुल्क कम करने की मांग


हेल्थकेयर टेक जगत ने बजट-2023 में चिकित्सा उपकरणों पर सीमा शुल्क को कम करने की मांग की है. मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) से आयातित चिकित्सा उपकरणों (Imported Medical Devices) पर सीमा शुल्क को कम करने और स्वास्थ्य कर को हटाने का आग्रह किया है.


80 फीसदी प्रोडक्ट हो रहे इम्पोर्ट 


एसोसिएशन ने जानकारी दी है कि, देश में चिकित्सा प्रौद्योगिकी से जुड़ी कंपनियां आज 80 फीसदी चिकित्सा उपकरणों का आयात कर रही हैं. एसोसिएशन के अध्यक्ष और महानिदेशक पवन चौधरी का कहना है कि दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में ही चिकित्सा उपकरणों पर सीमा शुल्क लग रहा है, और जो सीधे मरीजों की आर्थिक हालत को प्रभावित करता है.


जोर शोर से चल रही बजट की तैयारी 


चौधरी का कहना है कि, "केंद्रीय बजट 2023 की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, हम चिकित्सा उपकरणों पर लगाए गए सीमा शुल्क और करों में सुधार की उम्मीद करते हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को सरकारी व्यय में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है और इसे प्राप्त करने का एक तरीका स्वास्थ्य देखभाल की मांग और आपूर्ति में मौजूदा अंतराल को पूरा करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय को बढ़ाना है. उन्होंने यह सुझाव दिया है कि सरकार को विश्व स्तर पर चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक अलग बजट आवंटन पर विचार करना चाहिए. 


चिकित्सा उपकरणों पर इतना टैक्स 


चौधरी ने कहा कि इस उच्च सीमा शुल्क ने भारत में चिकित्सा उपकरणों की लागत पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और इसे घटाकर 2.5 प्रतिशत कर देना चाहिए. इसके अलावा, आयातित चिकित्सा उपकरणों पर लगाए गए 5 प्रतिशत स्वास्थ्य उपकर ने उद्योग पर बोझ को काफी हद तक बढ़ा दिया है, और इसे हटा दिया जाना चाहिए. 


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