कोरोनावायरस से झटका खाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हर राज्य अपने-अपने स्तर पर कोशिश कर रहा है. ज्यादातर राज्य मैन्यूपैक्चरिंग को बढ़ावा देने की कोशिश में लगे हैं, जिससे रोजगार बढ़े और मांग में इजाफा हो. देश के छह राज्य इस वक्त मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को अपने यहां बुलाने की होड़ में लगे हैं. केंद्र सरकार की प्रोडक्ट लिंक्ड स्कीम के अलावा ये राज्य मोबाइल बनाने वाली कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा इन्सेंटिव देने को तैयार हैं. सबसे ज्यादा दिलचस्पी पेगाट्रोन को बुलाने में दिखाई जा रही है. यह कंपनी ऐपल की दूसरी बड़ी कॉन्ट्रेक्टर मैन्यूपैक्चरर है. भारत में इसे अपना प्लांट लगाना है.
यूपी सरकार ने ऐपल और सैमसंग को लिखी चिट्ठी
यूपी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र केंद्र सरकार की 41 हजार करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम में शामिल 10 मोबाइल कंपनियों को अपने यहां बुलाने की होड़ मची है. सरकार इसके जरिये घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग और निर्यात को बढ़ावा देना चाहती है. यूपी ने पेगाट्रोन और ऐपल दोनों को चिट्ठी लिखी और कहा है कि पीएलआई में मिल रहे इन्सेंटिव के अलावा भी वह लगाई गई पूंजी पर 20 फीसदी इन्सेंटिव देगी. साथ ही जमीन पर 25 फीसदी सब्सिडी देगी. यूपी सैमसंग को इस स्कीम के तहत प्लांट लगाने का न्योता दे रही है. यूपी सरकार का कहना है कि उसे उम्मीद है कि सैमसंग विस्तार लिए उत्तर प्रदेश को ही चुनेगी. यहां सैमसंग मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पहले से ही मौजूद है.
तमिलनाडु फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रोन को बुलाने को तैयार
तमिलनाडु के सीएम ने फॉक्सकॉन और सैमसंग को चिट्ठी लिख कर अपने राज्य में विस्तार के लिए कहा है. सैमसंग का प्लांट इस राज्य में पहले से हैं. विस्ट्रॉन और पेगाट्रोन से भी राज्य में प्लांट लगाने की मांग की जा रही है. तमिलनाडु इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को आकर्षित करने में आगे रहा है. राज्य की इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी में कंपनियों को काफी छूट दी गई है.