Karnataka:  देश की आईटी राजधानी बेंगलुरू जहां भारत के सबसे अधिक आईटी स्मार्ट लोग भी रहते हैं, कर्नाटक राज्य की राजधानी भी है. सबसे अधिक साइबर स्मार्ट लोगों के राज्य में जहां आईटी इंडस्ट्री दिन दूनी, रात चौगुनी प्रगति कर रही है, वहीं साइबर डाकुओं का खतरनाक साया भी फैलता जा रहा है. कई बार तो लगता है कि कन्नाडिगा (कर्नाटक के निवासी) साइबर डाके के शिकंजे में सिसक रहे हैं. साइबर डाकू यहां के लोगों से हर घंटे सात लाख रुपये उड़ा ले रहे हैं. देश के आईटी हब में ऐसे लुटे-पिटे लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है. पिछले 11 महीने में ही साइबर अपराधियों ने 20,875 लोगों को शिकार बनाया है. इन लोगों की मेहनत की कमाई पर 2047 करोड़ 20 लाख का डाका डाला है. पिछले छह साल यानी जनवरी 2019 से नवंबर 2024 तक 3595 करोड़ 40 लाख रुपयों पर हाथ मार चुके हैं.


डिजिटल अरेस्ट से लेकर फेडेक्स स्कैम तक का है बोलबाला


कर्नाटक में साइबर डाकू तरह-तरह से वेश बदलकर लोगों को फांस रहे हैं. इनमें डिजिटल अरेस्ट से लेकर फेडेक्स स्कैम तक शामिल हैं. फेडेक्स स्कैम के तहत कॉल कर कहा जाता है कि आपके लिए भेजा गया सामान कस्टम क्लीयरेंस में फंस गया है. इसे छुड़ाने के लिए इतनी राशि की जरूरत है. भोले-भाले लोग इन धोखेबाजों की बातों के जाल में फंस जाते हैं. फिर जैसे ही ये पैसा भेजते हैं उनके लिए यह जी का जंजाल बन जाता है. क्योंकि, यह राशि कभी वापस नहीं आती है. वे जब एफआईआर कराते हैं तो पुलिस ऐसे लोगों की मूर्खता की मजाक उड़ाती है. इसके अलावा ओटीपी फ्रॉड से लेकर ट्रेडिंग स्कैम तक में लोग रोंगटे खड़े कर देने वाले धोखे के शिकार हो रहे हैं.


ओटीपी, पासवर्ड शेयर नहीं करने की सरकार दे रही हिदायत


साइबर अपराधियों से लुटे-पिटे लोगों को आगे से ओटीपी या पासवर्ड शेयर नहीं करने की हिदायत दी जाती है. पुलिस वाले भी ऐसा ही कर अपना काम पूरा मान लेते हैं. फिर भी केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों में साइबर अपराध कर्नाटक के साथ ही पूरे देश में बढ़ते जा रहे हैं.


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