UPI Fraud: आजकल के वक्त में टेक्नोलॉजी ने आम लोगों की जिंदगी को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface) अब डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) का सबसे पसंदीदा तरीका बन चुका है.यूपीआई के जरिए लोग आसानी से बिना बैंक खाते के भी केवल मोबाइल नंबर के द्वारा एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर पा रहे हैं. मगर इसी टेक्नोलॉजी ने जालसाजों को भी फ्रॉड (UPI Fraud) करने का खूब मौका दिया है. बिजनेस टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में गुरुग्राम स्थित एक बड़ी कंपनी परविओम टेक्नोलॉजीज फ्रॉड की शिकार हो गई है. पेमेंट गेटवे सिस्टम से छेड़छाड़ करके साइबर अपराधियों ने कंपनी के अकाउंट से पूरे 35 लाख रुपये उड़ा लिए है.
कंपनी के खाते से निकले 35 लाख रुपये
कंपनी के नेशनल ऑपरेशन के हेड अंकित रावत ने शिकायत में कहा है कि कंपनी कैशफ्री का पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल कर रही थी. इस पेमेंट गेटवे सिस्टम के साथ साइबर अपराधियों ने छेड़छाड़ की और पूरे 35 यूपीआई ट्रांजैक्शन के बाद खाते से 35 लाख रुपये उड़ा लिए गए. इस मामले पर पुलिस ने शिकायत दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है.
यूपीआई फ्रॉड के मामलों में आई तेजी
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के साइबर सेल के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के बीच कुल ऐसे 95,000 से यूपीआई ट्रांजैक्शन साइबर अपराधियों द्वारा किया किए गए हैं. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन (NPCI) समय-समय पर यूपीआई फ्रॉड से सुरक्षित रहने की टिप्स देता रहता है. इससे पहले मुंबई में साइबर अपराधियों ने 81 से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाते हुए 1 करोड़ से ज्यादा लूट लिए थे.
यूपीआई फ्रॉड से बचने का उपाय-
- यूपीआई फ्रॉड से बचाव के लिए ध्यान रखें कि हमेशा किसी से अपनी निजी जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, ओटीपी, पिन आदि शेयर न करें.
- ध्यान रखें कि पैसे प्राप्त करने के लिए आपको पिन डालने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. केवल पैसे ट्रांसफर करने के लिए ही पिन डालना पड़ता है.
- यूपीआई पेमेंट करते वक्त ध्यान रखें कि किसी को पैसा ट्रांसफर करने से पहले उसके डिटेल्स को वेरिफाई करना न भूलें.
- यूपीआई यूज करते वक्त पब्लिक नेटवर्क का इस्तेमाल न करें.
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