पिछले कुछ सालों में बैंकिंग के तरीकों में बड़े बदलाव हुए हैं. आजकल लोग बैंकों में कैश प्राप्त करने के लिए घंटों लाइन में लगने के बजाए ऑनलाइन तरीकों से ट्रांजैक्शन करने लगे हैं. अब वह नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, यूपीआई आदि के माध्यम से पेमेंट करने लगे हैं. इससे पैसे जल्द से जल्द एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पहुंच जाता है. तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही साइबर अपराध के मामलों में भी तेजी देखी जा रही है. पिछले कुछ सालों में साइबर अपराधियों ने लोगों को करोड़ों लोगों को चूना लगाया है.
इस तरह के अपराध से ग्राहकों को सुरक्षित रखने के लिए देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समय-समय लोगों को इस तरह के अपराध से सतर्क रहने की सलाह देता रहता है. हाल ही में एसबीआई ने अपने ग्राहकों साइबर अपराध से सतर्क रहने के लिए अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट करके जानकारी शेयर की है. इस ट्वीट में बैंक ने ग्राहकों को उन तरीकों के बारे में बताया है जिसके द्वारा आप खुद को किसी तरह के ठगी से बचा सकते हैं. तो चलिए हम आपको उन तरीकों के बारे में बताते हैं जिसके द्वारा आप इंटरनेट फ्रॉड से सुरक्षित रह सकते हैं-
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते वक्त रखें इन बातों का ख्याल-
-किसी तरह संदेहजनक मैसेज, ईमेल, कॉल आने पर उस पर क्लिक न करें.इस लिंक पर किसी तरह की निजी जानकारी और बैंक डिटेल्स भी न शेयर करें.
-नेट बैंक का इस्तेमाल करने से पहले यह जरूर चेक कर लें कि आप जिस नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं वह सेफ है या नहीं.
-अपने बैंक डिटेल्स जैसे बैंक अकाउंट स्टेटमेंट और बैंक पासबुक को समय-समय पर अपडेट करें.
-किसी तरह के साइबर अपराध के शिकार होने पर तुरंत https://cybercrime.gov.in/ पर क्लिक कर अपनी शिकायत दर्ज कराएं.
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते वक्त भूलकर भी न करें यह काम-
-अपने बैंकिंग डिटेल्स जैसे क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड नंबर, पिन, CVV नंबर किसी के साथ न शेयर करें. इसके साथ ही अपने नेट बैंकिंग पासवर्ड को भी न शेयर करें.
-अपनी पर्सनल जानकारी सोशल मीडिया पर न शेयर करें.
-फेक जानकारी से सतर्क रहे.
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