डिजिटल अर्थव्यवस्था पर फोकस के बीच ऑनलाइन लेन-देन तेजी से बढ़ रहा है. इसके साथ ही भारत में साइबर फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं और भारतीयों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. इस साल के शुरुआती 4 महीनों में ही देश में साइबर फ्रॉड के 7 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.


4 महीने में 1,750 करोड़ से ज्यादा का चूना


ईटी की एक रिपोर्ट में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के हवाले से बताया गया है कि सिर्फ इस साल के पहले चार महीनों में ही भारतीयों को साइबर फ्रॉड के चलते हजारों करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. जनवरी से अप्रैल 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार, साइबर फ्रॉड के विभिन्न मामलों के चलते भारतीय लोगों को 1,750 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है और इस दौरान नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर इस तरह के 7 लाख 40 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.


हर रोज आ रही हैं इतनी शिकायतें


इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के अनुसार, मई महीने में हर रोज साइबर क्राइम की औसतन 7 हजार शिकायतें आ रही हैं. उनमें से 85 फीसदी शिकायतें ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के हैं. इससे पता चलता है कि देश में हो रहे साइबर अपराध में सबसे ज्यादा मामले पैसों से जुड़े हुए हैं. यह बीते सालों की तुलना में काफी ज्यादा है.


हर साल बढ़ रहे हैं साइबर क्राइम के मामले


साइबर क्राइम के साल दर साल के आंकड़े देखने पर पता चलता है कि पिछले 5 साल के दौरान कई गुना की बढ़ोतरी हुई है. साल 2019 में साइबर क्राइम के सिर्फ 26 हजार 49 मामले आए थे. 2020 में आंकड़ा बढ़कर 2 लाख 57 हजार 777 पर पहुंच गया. उसके बाद साइबर क्राइम के मामले बढ़कर 2021 में 4 लाख 52 हजार 414 पर और 2022 में 9 लाख 66 हजार 790 पर पहुंच गए. पिछले साल तो साइबर क्राइम के मामले 15 लाख के भी पार निकल गए. कुल आंकड़ा 15 लाख 56 हजार 218 पर रहा. और इस साल सिर्फ 4 महीने में 7 लाख 40 हजार 957 मामले सामने आ चुके हैं.


सबसे ज्यादा गंवाए ट्रेडिंग स्कैम में पैसे


भारत में हो रहे साइबर अपराधों में ज्यादातर फाइनेंशियल सेक्टर से संबंधित हैं. सबसे ज्यादा 1,420 करोड़ रुपये का नुकसान लोगों को ट्रेडिंग स्कैम में हुआ. इस साल के शुरुआती 4 महीनों में ट्रेडिंग स्कैम के 20,043 मामले दर्ज हुए हैं. वहीं इस दौरान डिजिटल अरेस्ट के सामने आए 4,599 मामलों में लोगों को 120 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. लोगों को 222 करोड़ रुपये का चूना इन्वेस्टमेंट स्कैम से और 13.23 करोड़ रुपये का नुकसान डेटिंग ऐप्स के चलते हुआ है.


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