Cyrus Mistry Death: महाराष्ट्र के पालघर में एक सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत ने सड़क सुरक्षा के मुद्दों जैसे कि तेज रफ्तार पर नजर रखने, पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना और सड़क की असंगत बनावट पर बहस तेज कर दी है. जानकारों ने तेज रफ्तार वाहनों पर नज़र रखने और पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य करने की जरूरत पर जोर दिया है.


CRRI के वैज्ञानिक ने बताए रोड सेफ्टी से जुड़े प्रमुख मुद्दे
केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), नयी दिल्ली के मुख्य वैज्ञानिक एस वेलमुरुगन ने कहा, "राष्ट्रीय राजधानी में कुछ हिस्सों में सड़क के डिजाइन में असंगति देखी जा सकती है जिसमें ईस्टर्न और वेस्टर्न एक्सप्रेसवे, आउटर रिंग रोड और रिंग रोड शामिल हैं. उदाहरण के लिए, कुछ पॉइंट पर छह-लेन की सड़क चार-लेन में सिमट जाती है. विभिन्न स्थानों पर असमान सतहों को भी देखा जा सकता है. ये मुद्दे वाहन गाड़ी चलाने के दौरान खतरा पैदा करते हैं और इन्हें दूर किया जाना चाहिए."


साइरस मिस्त्री के निधन से रोड सेफ्टी नियमों पर फिर छिड़ी बहस
उन्होंने कहा कि रविवार की दुर्घटना से तीन प्रमुख निष्कर्ष निकलते हैं कि सड़कों, विशेष रूप से राजमार्गों को सुसंगत तरीके से बनाया जाना चाहिए, सड़क पर पर्याप्त संकेत चिह्न होने चाहिए और पीछे बैठे व्यक्ति के लिए सीट बेल्ट पहनने के कानून को लागू किया जाना चाहिए. एस वेलमुरुगन ने पीछे बैठे व्यक्ति को सीट बेल्ट पहनने और शहर की सड़कों पर तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनों को सख्ती से लागू करने का भी पुरजोर तरीके से पक्ष लिया है.


भारत में सड़क हादसों की संख्या बेहद ज्यादा
अंतराष्ट्रीय सड़क महासंघ के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 11 फीसदी से अधिक हादसे भारत में होते हैं, जिनमें हर दिन 426 लोगों की जान जाती है और हर घंटे 18 लोग मारे जाते हैं. महासंघ के अनुसार, 2021 में 1.6 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई और "अधिकतर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को टाला जा सकता है."


ये भी पढ़ें


Gold Silver Rate: सोना और चांदी के दाम आज फिर बढ़े, चेक करें अपने शहर में 10 ग्राम सोने के रेट


DreamFolks Services IPO: ड्रीमफोल्क्स सर्विसेज की ड्रीम लिस्टिंग, 56 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट होकर दिया बंपर मुनाफा