Cyrus Mistry Personality: रतन टाटा की पहली पसंद थे साइरस मिस्त्री, ऐसी थी उनकी ख़ासियत
Cyrus Mistry को दिसंबर 2012 में रतन टाटा ने Tata Group में छठे चेयरमैन पद सौपा था. Cyrus ने रतन टाटा के साथ विवाद जरूर किया, लेकिन वो उनकी पहली पसंद हुआ करते थे.
Cyrus Mistry Personality Analysis : टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) आज हम सभी के बीच नहीं हैं. आज हम आपको उस शख्श के बारे बताने जा रहे हैं, जिसने रतन टाटा के साथ विवाद जरूर किया, लेकिन वो उनकी भी पहली पसंद में शामिल थे.
टाटा को खूब पसंद थे साइरस
आपको बता दे कि जिन लोगों ने रतन टाटा और साइरस मिस्त्री को एक साथ देखा हैं, और कई बार देखा हैं. उन्होंने रतन टाटा की पसंद को बड़ी बारीकी से समझा होगा. रतन टाटा ने दिसंबर 2012 में साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप (Tata Group) में छठे चेयरमैन पद सौपा था. उस समय रतन टाटा और साइरस मिस्त्री की कई बार मुलाकात हुई, उस समय कई बार उन्होंने साइरस मिस्त्री की तारीफ भी की. ऐसे में हम आपको साइरस मिस्त्री की शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं. जिससे आपको भी अपने जीवन में उतरना चाहिए.
नाम में छुपा था राज
साइरस नाम के पीछे एक किस्सा हैं. साइरस शब्द यह ग्रीक भाषा का हैं. इसका मतलब ईश्वर का रूप या सूर्य हैं. साइरस नाम के पीछे एक पुरानी घटना हैं. प्राचीन पर्शिया में इस नाम के कई राजा होते थे, जिनमें 5वी शताब्दी के राजा साइरस द ग्रेट का नाम सबसे प्रमुख है. वह राजा जिसने बेबीलोन को जीतकर यहूदियों को आजादी दिलाकर दुनिया का बड़ा हिस्सा अपने नाम किया था.
कोई दिखावा नहीं
टाटा ग्रुप के चेयरमैन बनने के बाद जब साइरस टाटा के मुंबई स्थित मुख्यालय पहुंचे तो वे साधारण से पेंट-शर्ट पहने हुए थे. लेकिन उस समय उनके स्वागत में लोग सूट-बूट पहनकर आए थे. उनकी कमीज की बाहें मुड़ी हुई थी और कुछ बटन भी खुले थे. आपको बता दे कि बाम्बे हॉउस मुख्यालय साइरस के लिए कोई नई जगह नहीं थी लेकिन टाटा संस के डिप्टी चेयरमैन के तौर पर मिस्त्री ने पहली बार यहाँ कदम रखा था.
रतन टाटा जैसा था व्यवहार
मालूम हो कि रतन टाटा की शख्सियत जमीन से जुड़े और शर्मीले इंसान के तौर पर होती है. इसी तरह से साइरस मिस्त्री को करीब से जानने वाले लोगों का कहना हैं कि वे बिल्कुल रतन टाटा जैसे हैं. दोनों के स्वभाव और खासकर लोगों से मिलने-जुलने की आदत में काफी समानता थी.
पढ़ाई में रहे गंभीर
साइरस मिस्त्री मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल (Cathedral and John Conan School) में पढ़ने वाली बड़़ी हस्तियों के बच्चों में वे आसानी से पहचाने जाते थे. भले ही चमचमाती कार में स्कूल में आते थे लेकिन क्लास में एकदम सामान्य व्यवहार करते थे और पढ़ाई के प्रति गंभीर रहते थे.
टाटा की बने पहली पसंद
रतन टाटा ने साइरस की नियुक्ति पर कहा था, टाटा संस के डिप्टी चेयरमैन के रूप में साइरस पी मिस्त्री का चयन एक अच्छा और दूरदर्शिता पूर्ण फैसला है. वे अगस्त 2006 से ही टाटा संस के निदेशक मंडल में हैं. टाटा ने कहा कि मैं साइरस मिस्त्री के गुणों, भागीदारी की उनकी क्षमता, कुशाग्रता तथा नम्रता से काफी प्रभावित हूँ.
काबिलियत में निकले आगे, तब बने उत्तराधिकारी
रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुनना टाटा संस के लिए काफी मुश्किल भरा काम था. अगस्त 2010 में रतन टाटा के उत्तराधिकारी की खोज के लिए सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति में खुद साइरस भी शामिल थे. इसमें शामिल सदस्यों ने सही व्यक्ति की खोज में दर्जनों बैठकें की. लेकिन उत्तराधिकारी की दौड़ में सबसे आगे रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा चल रहे थे. इसके अलावा इंदिरा नूई सहित 14 अन्य लोग भी शामिल थे. इन सबके इंटरव्यू लिए गए. इनके कामकाज के तरीके, अनुभव, योग्यता को बारीकी से परखा गया और तब जाकर सर्वसम्मति से साइरस को चुना गया. वैसे साइरस रिश्ते में तो नोएल टाटा के साले हैं.
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