DA Hike Latest News Update: एक जुलाई, 2022 से 4 फीसदी बढ़ गया केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता? जानें क्या है सच्चाई
DA Hike News Update: सोशल मीडिया पर वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर द्वारा जारी किया गया एक पत्र वायरल किया जा रहा है, जिसमें लिखा है कि एक जुलाई से 4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ गया है?
DA Hike Update: सोशल मीडिया ( Social Media ) में लगातार एक खबर वायरल ( Viral News) हो रही है. इस खबर में वित्त मंत्रालय ( Ministry Of Finance ) के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर ( Departament of Expenditure ) द्वारा जारी किया गया एक पत्र वायरल किया जा रहा है. इस पत्र ( Office Memorundum) में लिखा है केंद्रीय कर्मचारियों ( Central Government employees ) के महंगाई भत्ते ( Dearness Allowance) को 34 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया है. इस पत्र में ये भी लिखा है कि महंगाई भत्ते को बढ़ाने का आदेश 1 जुलाई, 2022 से लागू हो चुका है. पीआईबी ( PIB) ने इस खबर का फैक्टचेक किया है और इस खबर को फर्जी और फेक करार दिया है.
क्या है वायरल पोस्ट?
दरअसल वित्त मंत्रालय के विभाग डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर का एक ऑफिस ऑफ मेमोरेंडम वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है कि राष्ट्रपति ने हर्ष के साथ ये फैसला किया है एक जुलाई 2022 से केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 34 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी किया जाता है. महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद सितंबर 2022 के सैलेरी के साथ एरियर का भुगतान किया जाएगा. लेकिन पीआईबी ने अपने फैक्टचेक में इस आदेश को फर्जी करार दिया है. पीआईबी के मुताबिक डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.
A #Fake order circulating on #WhatsApp is claiming that the additional instalment of Dearness Allowance will be effective from 01.07.2022#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 25, 2022
▶️Department of Expenditure has not issued any such order@FinMinIndia pic.twitter.com/UZBxDsZuol
पीआईबी ने किया वायरल का फैक्टचेक
वायरल हो रहे खबर का पीआईबी ने फैक्टचेक किया है. पीआईबी ने अपने फैक्टचेक में कहा है कि वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर नाम से एक फेक ऑर्डर जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते को एक जुलाई 2022 से अतिरिक्त इंस्टालमेंट देने का फैसला किया गया है. पीआईबी ने अपने फैक्टचेक में इस खबर को झूठा और फर्जी करार दिया है.
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