Dabba Trading: डब्बा ट्रेडिंग की हुई वापसी, 100 लाख करोड़ रुपये रोजाना पहुंचा वॉल्यूम!
Dabba Trading: एक अनुमान के मुताबिक डब्बा ट्रेडिंग का रोजाना वॉल्यूम 100 लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है जो भारतीय शेयर बाजार के वायदा कारोबार के कुल वॉल्यूम का 20 फीसदी के बराबर है.
Dabba Trading: शेयर बाजार (Share Market) में भारी उतार-चढ़ाव और फ्यूचर एंड ऑप्शंस (Future & Options) कारोबार पर सेबी (SEBI) के बढ़ते शिंकजे के बाद एक बार फिर से डब्बा ट्रेडिंग (Dabba Trading) की शेयर बाजार में वापसी हो गई है. बाजार के जानकारों के मुताबिक गैरकानूनी डब्बा ट्रेडिंग का वॉल्यूम बढ़कर 100 लाख करोड़ रुपये प्रति दिन होने का अनुमान है जो फ्यूचर एंड ऑप्शंस के प्रति दिन रहने वाले वॉल्यूम के 20 फीसदी के बराबर है.
डब्बा ट्रेडिंग में टैक्स-फीस नहीं
फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में डब्बा ट्रेडर के हवाले से बताया कि इस ट्रेड में कम एंट्री बैरियर होने के चलते लोग इसे अपना रहे हैं. डब्बा ट्रेडिंग में कोई कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं होती है साथ ही इसमें कारोबार करने के लिए कोई मार्जिन मनी भी नहीं देना होता है. लॉट साइज छोटे होते हैं और कोई टैक्स फीस भी नहीं देना होता है. सेबी के नए फ्यूचर एंड ऑप्शंस गाइडलाइंस के चलते 40 फीसदी तक ट्रेड वॉल्यूम घटने का अनुमान है. जिसके चलते ट्रेडर्स डब्बा ट्रेडिंग के साथ कमोडिटी ट्रेडिंग के अलावा गेमिंग प्लेटफॉर्म्स में शिफ्ट कर रहे हैं.
गैरकानूनी है डब्बा ट्रेडिंग
रिपोर्ट में रेगुलेटरी अधिकारियों ने डब्बा ट्रेडिंग के बढ़ते चलन पर चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि इससे निवेशकों के लिए जोखिम बढ़ने का खतरा है क्योंकि सेबी ने डब्बा ट्रेडिंग को गैरकानूनी करार दिया हुआ है क्योंकि ये ट्रेडिंग किसी स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से नहीं की जाती है. डब्बा ट्रेडिंग में निवेशक नुकसान होने या फंसने पर कहीं शिकायत भी दर्ज नहीं करा सकते. केडिया फिनकॉर्प के उमेश केडिया ने बताया कि, ऐसा नहीं है कि निवेशकों को डब्बा ट्रेडिंग का खतरों का पता नहीं है. उन्होंने कहा, अगर निवेशकों को भारी नुकसान होता है या इस ट्रेड को कराने वाले लोग भाग जाते हैं तो निवेशकों को उनका पैसा वापस भी नहीं मिलेगा. उमेश केडिया के मुताबिक अगर सरकार सोने या चांदी के समान शेयरों में ट्रेडिंग करने पर टैक्स घटाती है तो इससे डब्बा ट्रेडिंग पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.
डब्बा ट्रेडिंग के लिए सॉफ्टवेयर भी मौजूद
आनंद राठी वेल्थ के प्रोडक्ट और रिसर्च के डायरेक्टर और हेड चेतन शेनॉय ने कहा, गैरकानूनी होने के बावजूद डब्बा ट्रेडिंग अस्तित्व में है क्योंकि इसमें फौरन मुनाफा बनता है. उन्होंने कहा, जो निवेशक फ्यूचर एंड ऑप्शन मार्केट में ट्रेड नहीं कर सकते हैं ऐसे लोग डब्बा ट्रेडिंग की ओर आकर्षित होते हैं. डब्बा ट्रेडिंग मार्केट के लिए बाजार में सॉफ्टपेयर भी मौजूद है. यहां तक की डब्बा ट्रेडिंग ऐप गूगल करने पर कई ट्रेडिंग फॉर्म्स लिंक आ जाते हैं. डब्बा ड्रेडिंग में ब्रोकर को स्टॉक खरीदने और बेचने वाले को आपस में कनेक्ट करना होता है जिसके एवज में उन्हें कमीशन मिलता है. डब्बा ट्रेडिंग में ट्रेडर को स्टॉक प्राइस के मूवमेंट को लेकर बोली लगाना होता है और ट्रेड के सही होने पर मुनाफा बनाते हैं और गलत होने पर नुकसान होता है.
डब्बा ट्रेडिंग में सजा के साथ पेनल्टी का प्रावधान
शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी और स्टॉक एक्सचेंज लगातार निवेशकों को डब्बा ट्रेडिंग के खतरे से आगाह करते रहे हैं. साथ ही सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956 के तहत डब्बा रेगुलेशन को गैरकानूनी भी करार दिया गया है. इस मामले में दोषी पाए जाने पर निवेशक ट्रेडर्स को 10 साल तक की सजा के साथ 25 करोड़ रुपये के पेनल्टी का भी प्रावधान है.
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