हर साल गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले आमों में से एक दशहरी का निर्यात बिल्कुल कम हो गया है . इससे घरेलू बाजार में इसकी सप्लाई बढ़ गई है और दाम घट गए हैं. आम किसानों और निर्यातकों को इस बार भारी घाटा उठाना पड़ रहा है.यूपी में मलीहाबादी दशहरी की थोक कीमत घट कर 15 से 20 रुपये किलो हो गई है. दरअसल कोरोना संक्रमण की वजह से मंडियों में खरीदारों का आना बिल्कुल कम हो गया है. कारोबारियों का कहना है कि निर्यात के ऑर्डर पहले ही कम हो गए हैं. अगर दिल्ली, मुंबई के आढ़तियों ने भी माल का ऑर्डर नहीं दिया तो दाम और गिर जाएंगे.
खाड़ी देशों को आम का निर्यात तलहटी पर
सूत्रों के मुताबिक अब तक दस टन आम ही दुबई गया है, जबकि पिछले साल खाड़ी देशों और यूरोप में 120 टन आम भेजा गया था. महामारी के डर से विदेशी खरीदार आम का ऑर्डर नहीं दे रहे हैं. लखनऊ, मलीहाबाद के आम किसानों का कहना है कि मौसम खराब होने और लॉकडाउन की वजह से दवा का छिड़काव न होने से पैदावार भी कम हुई है. दूसरी और विदेशी बाजार में मांग कम होने से घाटा और बढ़ गया है. पिछले साल मलीहाबाद-काकोरी पट्टी में लगभग 45 लाख टन दशहरी हुआ था. लेकिन इस बार यह पैदावार 25 लाख टन से ज्यादा पैदावार की उम्मीद नहीं है. पिछले दो साल से सीजन की शुरुआत में दशहरी की कीमत 30 से 40 रुपये किलो रहा करती था, जो बाद में गिर कर 25 रुपये तक पहुंच जाती थी. लेकिन इस बार बाजार में आते ही दशहरी की कीमत घट कर 15 से 20 रुपये किलो तक आ गई है. सूत्रों के मुताबिक पिछले दो साल से दशहरी का सालाना कारोबार 2400 से 2500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था लेकिन इस बार इसके 600 से 800 करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंचने की उम्मीद नहीं है.