सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के डेटा में हैकर्स ने सेंध लगा दी है. इससे लाखों लोगों की जानकारियां खतरे में आ गई है और अब उनके ऊपर फ्रॉड से लेकर सिम क्लोनिंग जैसे खतरे मंडरा रहे हैं.


खतरे में आए लाखों लोग


एथेनियन टेक के द्वारा जारी एक थ्रेट इंटेलीजेंसी रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएनएल के डेटा में ये सेंध kiberphant0m नाम के हैकर ने लगाई है. हैकिंग के इस मामले में हैकर को बीएसएनएल से बड़ी मात्रा में संवेदनशील डेटा हाथ लगे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, संवेदनशील डेटा इतना ज्यादा है कि उसके बाहर आने से लाखों लोग खतरे में पड़ सकते हैं.


इन जानकारियों की हुई चोरी


हैकर के द्वारा चुराए गए डेटा में इंटरनेशनल मोबाइल सब्सक्राइबर आइडेंटिटी (आईएमएसआई) नंबर, सिम कार्ड इंफॉर्मेशन, होम लोकेशन रजिस्टर (एचएलआर) डिटेल, डीपी कार्ड डेटा, बीएसएनएल के सोलारिस सर्वर के स्नैपशॉट आदि शामिल हैं. चोरी हुए डेटा का साइज 278 जीबी से ज्यादा है. kiberphant0m ने इस हैकिंग की जिम्मेदारी ली है और उसे साबित करने के लिए उसने डेटा का सैंपल भी मुहैया कराया है.


हैक डेटा से उत्पन्न हुए ये खतरे


आईएमएसआई और सिम डिटेल सिम कार्ड के ऑपरेशन से जुड़ी संवेदनशील जानकारियों में है. इसके बाहर आने से सिम के क्लोन बनाए जाने का खतरा रहता है. एचएलआर डिटेल नेटवर्क ऑपरेशन और यूजर ऑथेंटिकेशन के लिए जरूरी होते हैं. 8 जीबी का डीपी कार्ड डेटा और 130 जीबी का डीपी सिक्योरिटी डेटा खुद बीएसएनएल के सिक्योरिटी इंफ्रा के लिए अहम है. वहीं सोलारिस सर्वर के स्नैपशॉट के बाहर आने से ऑपरेशनल सीक्रेट के खुलासे का डर है.


हैकर ने लगाई डेटा की इतनी कीमत


हैकर ने बीएसएनएल के सर्वर से चुराए गए डेटा को डार्क वेब पर बेचने के लिए डाला है. उसने चुराए डेटा की कीमत 5 हजार डॉलर यानी भारतीय करेंसी में 4 लाख 17 हजार रुपये रखी है. हैकर का कहना है कि यह कीमत स्पेशल डील के तहत है. एनालिस्ट भारी-भरकम कीमत के चलते आशंका जता रहे हैं कि हैकर के हाथ वाकई में महत्वपूर्ण डेटा लगा है.


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