Tata Group: टाटा समूह अगले पांच वर्षों में देश में कैपिटल एक्सपेंडिचर यानि पूंजीगत खर्च के मद में 90 अरब डॉलर रकम खर्च करेगी. टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरस की बैठक में ये बातें कही है. उन्होंने कहा कि भारत में खपत में जबरदस्त तेजी आई है. और ये केवल शहरी नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी देखा जा रहा है.
एन चंद्रशेखरन के मुताबिक टाटा समूह स्टील, ऑटो, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, रिन्युएबल एनर्जी, बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे बिजनेस में बड़े पैमाने पर पूंजीगत खर्च करने जा रही है. और अगले पांच वर्षों में समूह ने 90 अरब डॉलर खर्च करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्षों में टाटा समूह ने शानदार ग्रोथ रेट दिखाया है. बीते साल समूह ने 25 फीसदी का ग्रोथ दिखाया था और उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि मौजूदा वर्ष में समूह 22 से 23 फीसदी का ग्रोथ रेट दिखाएगा.
उन्होंने बताया कि दुनियाभर में जिस प्रकार बिजनेस का आकार बदल रहा है भारत इस समय बेहद विशिष्ट स्थिति में विराजमान है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में तीन वैश्विक परिवर्तन हो रहे हैं - Artificial Intelligence, Energy Transition, Geopolitical Transition. उन्होंने कहा कि हमारे मजबूत टेक सेक्टर और टैलेंस के पूल के चलते भारत तीनों बदलावों के लिए बेहद खास स्थान में स्थित है. भारत में पास होने वाले टेक स्नातकों की संख्या सबसे अधिक है जो दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है.
एन चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत में एक विशाल अवसर मौजूद है. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के भारत में नहीं आने का डर निराधार है और मैं नहीं जानता कि यह डर कहाँ से आ रहा है कि निजी क्षेत्र नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच-छह दशकों में, भारत ने दिखाया है कि हम प्रौद्योगिकी का लाभ उठा सकते हैं और विकासात्मक परियोजनाएं कर सकते हैं.
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