कोई भी अपने करियर की शुरुआत एक फ्रेशर्स के तौर पर करता है. धीरे-धीरे वह काम सीखता जाता है और अपने फील्ड का जानकार बनता जाता है. हालांकि, परेशानी तभी आन पड़ती है जब कोई फ्रेशर काम के लिए जॉब मार्केट में कदम रखता है. इस दौरान उसे या तो कोई मुश्किल से ही काम पर रखना चाहता है या काम के बदले बहुत ही कम सैलरी ऑफर की जाती है. इससे गुजर-बसर करना, खासकर बड़े शहरों में काफी मुश्किल होता है. ऐसे में सेविंग्स तो बहुत दूर की बात है. इससे आमतौर पर सभी को गुजरना पड़ता है. 


फ्रेशर्स की सैलरी पर सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस


फ्रेशर्स के लिए कम सैलरी को लेकर सोशल मीडिया पर अक्सर तरह-तरह की बातें हो रहती हैं. हाल ही में एक टेक्नीशियन के पोस्ट ने फिर से एक बार यह बहस छेड़ दी. इस शख्स ने पोस्ट करते हुए कहा कि ''शुरुआती वेतन के तौर पर 3.6 लाख का आंकड़ा कोई बुरा नहीं है, वह भी तब जब आप किसी टियर 500 कॉलेज से आते हैं.''






यूजर ने पोस्ट कर कह दी ये बात


यूजर ने लिखा, ''मैं मुश्किल में पड़ सकता हूं, लेकिन यह कहना जरूरी है कि अगर आप टियर 500 कॉलेज से हैं और आपके पास प्रोग्रामिंग स्किल्स की कमी है, तो 3.6 LPA बुरा नहीं है.'' उसने आगे यह भी कहा, ''ऐसे कॉलेज से ग्रैजुएट करने वालों को 1 करोड़ की उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए. एक सॉलिड प्रोफाइल पोर्टफोलियो के बिना 1 करोड़ पैकेज की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. अगर आपके रिज्यूमे में बैचलर की डिग्री सबसे बड़ी हाइलाइट है, तो ज्यादा की उम्मीद न करें.'' 


पोस्ट तेजी से हो रहा वायरल


यूजर के इस पोस्ट पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं. इस पोस्ट को दस लाख से भी अधिक बार देखा जा चुका है. एक ने कमेंट करते हुए लिखा, ''मैं यह मानने से असहमत हूं कि टियर 1 कॉलेज का स्टूडेंट 1 करोड़ पैकेज का हकदार है और वह हमेशा जीनियस ही हो.'' इस बात को भी कमेंट में हाइलाइट किया गया, ''किसी ग्रैजुएट के स्किल्स या उसकी सफलता का आकलन उसके कॉलेज की रैंकिंग से किया जाना चाहिए.''


इस पर पोस्ट करने वाले ने जवाब दिया कि उनका मैसेज सिर्फ उन लोगों के लिए है, जिनके पास प्रोग्रामिंग स्किल्स की कमी है या जो यह सोचते हैं कि उनके रिज्यूमे का सबसे बड़ा हाइलाइट ग्रैजुएशन की डिग्री है. 


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