डेबिट कार्ड से लेनदेन: जानें- कितने सौ, हज़ार और लाख की लेनदेन पर क्या होगा चार्ज
नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ने डेबिट कार्ड से लेन-देन के लिए नयी दरों का प्रस्ताव किया है . पूरी तरह से विचार विमर्श के बाद नयी दरें पहली अप्रैल से लागू होंगी
नयी दरों पर विचार-विमर्श के लिए जारी मसौदे के तहत लेन-देन की सीमा के बजाए कारोबारियों की आय को आधार बनाया गया है. 31 मार्च तक प्रभावी मौजूदा व्यवस्था में डेबिट कार्ड पर 1000 रुपये तक के लेन-देन पर ज्यादा से ज्यादा ढाई रुपये और एक हजार से दो हजार रुपये के लेन-देन के बीच ज्यादा से ज्यादा 10 रुपये का सर्विस चार्ज यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट हो सकता है . 2000 रुपये से ज्यादा के लेन-देन पर 1 फीसदी की दर से ज्यादा से ज्यादा सर्विस चार्ज लगेगा .
फिलहाल, प्रस्तावित व्यवस्था में बड़ा फेरबदल किया गया है. इसके मुताबिक,
- 20 लाख रुपये के सालाना कारोबार करने के वाले व्यापारियों के लिए पॉस मशीन पर लेन-देन क लिए सर्विस चार्ज यानी एमडीआर की ज्यादा से ज्यादा दर 0.4 फीसदी होगी.
- दूसरे शब्दों में कहें तो यदि 1000 रुपये तक का लेन-देन हो तो ज्यादा से ज्यादा ये रकम 4 रुपये हो सकती है . लेकिन यदि एक हजार से ज्यादा मसलन 2000 रुपये का लेन-देन हो तो ये रकम 8 रुपये होगी . इस तरह एक हजार रुपये से कम लेन-देन पर चार्ज बढ़ जाएगा, लेकिन एक हजार से ज्यादा पर कम
- बहरहाल, यदि दुकान पर पॉस मशीन के बजाए क्यू आर कोड के जरिए लेन-देन किया गया हो तो वहां पर ज्यादा से ज्यादा चार्ज .0.3 फीसदी होगा . यानी 1000 रुपये के लेन-देन पर 3 रुपया.
- चार्ज की यही दर बिजली, पानी आदि के भुगतान या फिर आर्मी कैंटीन या बीमा प्रीमियम वगैरह के भुगतान के लिए भी होगी.
- 20 लाख रुपये से ज्यादा का कारोबार करने वाले व्यापारियों के यहा लेन-देन पर एमडीआर की दर 0.95 फीसदी होगी. यानी 1000 रुपये पर ज्यादा से ज्यादा साढे नौ रुपया का चार्ज.
पासपोर्ट के लिए फीस, टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, रोड टैक्स या फिर हाउस टैक्स के भुगतान के लिए विशेष दरें तय की गयी है. 1000 रुपये तक के भुगतान पर ये दर 5 रुपये, 1000 से दो हजार रुपये के बीच के भुगतान के लिए 10 रुपये औऱ 2000 रुपये से ज्यादा के भुगतान के लिए ज्यादा से ज्यादा 250 रुपये का चार्ज लगेगा .
रिजर्व बैंक ने ये साफ किया है कि इन चार्ज के अलावा व्यापारियों या सर्विस देने वालों को ग्राहकों से किसी भी तरह के कंनवियेंस फीस या फिर अतिरिक्त सर्विस चार्ज वसूलने का अधिकार नहीं होगा.
मसौदे में ये भी कहा गया है कि पेट्रोल-डीजल की डेबिट कार्ड से खरीद पर लगने वाले चार्ज को लेकर अंतिम फैसला तेल कंपनियों औऱ सरकार के बीच बिवाच-विमर्श पूरा होने के बाद ही तय होगा.
ध्यान रहे कि रिजर्व बैंक डेबिट कार्ड पर चार्ज की सीमा तय करती है, लेकिन क्रेडिट कार्ड के बारे में ऐसी कोई सीमा तय नहीं है . यहां दलील ये है कि क्रेडिट कार्ड एक विशेष सुविधा है जिसके तहत कुछ समय के लिए उधारी दी जाती है,वहीं डेबिट कार्ड के मामले में अपने बैंक खाते का पैसा कार्ड के जरिए खर्च किया जाता है.