आपने शेयर बाजार के बारे में सुना होगा. आपने यह पढ़ा होगा कि शेयर बाजार में बहुत रिस्क है, लेकिन कुछ लोगों की यहां किस्मत भी बदली है. आपको मल्टीबैगर शेयरों से लेकर डिविडेंड स्टॉक तक के बारे में खूब पढ़ने को मिला होगा. क्या आपने कभी डीप फ्राइड स्टॉक के बारे में पढ़ा या सुना है? आज हम आपको इन्हीं डीप फ्राइड स्टॉक के बारे में बताने वाले हैं.


व्यापारी और नियामक, सब हैरान


यह कहानी है दक्षिण पूर्वी एशिया के सबसे बड़े शेयर बाजार यानी इंडोनेशियाई शेयर बाजार की. दरअसल बीते कुछ सालों के दौरान इंडोनेशियाई शेयर बाजार में कई शेयरों ने 1-1 हजार फीसदी तक की छलांग लगाई है. इन शेयरों ने न सिर्फ स्थानीय ट्रेडर्स को बल्कि नियामकों को भी हैरान कर दिया है. इन्हें शेयरों को डीप फ्राइड स्टॉक नाम दिया गया है और इनकी असाधारण चाल को देखते हुए रेगुलेशन को सख्त बनाने की मांग उठ रही है.


इतने शेयरों में भारी उथल-पुथल


ब्लूमबर्ग के अनुसार, इंडोनेशियाई शेयर बाजार में पिछले 3 साल के दौरान कम से कम 83 ऐसे शेयर रहे हैं, जिनके भाव में 1000 फीसदी या इससे ज्यादा का उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. लोकल ट्रेडर्स के बीच डीप फ्राइड स्टॉक के नाम से मशहूर इन शेयरों में कुछ बातें कॉमन होती हैं. जैसे- इनमें कुछ ही लोगों के पास ज्यादातर हिस्सेदारी होती है, ट्रेडिंग वॉल्यूम मामूली होता है, एनालिस्ट कवरेज न के बराबर होता है और वैल्यूएशन काफी बढ़ी-चढ़ी रहती है.


डीप फ्राइड हैं 10 फीसदी लिस्टेड स्टॉक


ब्लूमबर्ग के अनुसार, इंडोनेशियाई शेयर बाजार में लिस्टेड सभी शेयरों में करीब 10 फीसदी इसी डीप फ्राइड स्टॉक कैटेगरी के हैं. यह आंकड़ा पड़ोसी देशों थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, वियतनाम और फिलीपींस के शेयर बाजारों की तुलना में काफी ज्यादा है. इंडोनेशियाई शेयर बाजार अभी करीब 640 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन के साथ दक्षिण पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार है. ब्लूमबर्ग का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर डीप फ्राइड स्टॉक की उपस्थिति ने इंडोनेशियाई शेयर बाजार में निवेशकों के भरोसे को हिलाकर रख दिया है.


तैयार हो रही है संदिग्धों की लिस्ट


बाजार के इस हाल ने नियामकों को कुछ कदम उठाने पर मजबूर किया है. अब नियामक इस तरह के शेयरों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं, जो निवेशकों के लिए खतरा उत्पन्न कर सकते हैं. इस लिस्ट में ऐसी कंपनियों को रखा जाएगा, जिनके राजस्व में वृद्धि नहीं हो रही है, शेयर के भाव कम हैं, लिक्विडिटी मामूली है और कर्ज की पुनर्संरचना से गुजर रहे हैं. इसके अलावा कुछ अन्य मानकों पर भी गौर किया जाने वाला है.


राष्ट्रपति ने नियामकों से कही ये बात


स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि खुद इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ गया था. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने नियामकों से कहा है कि वे बाजार में हेराफेरी की आशंकाओं के मद्देनजर निगरानी को तेज करें.


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