Defence Pensioners: लाखों पेंशनरों के लिए अच्छी खबर; खाते में पेंशन की टेंशन होगी खत्म, TCS ने बढ़ाया कॉन्ट्रैक्ट
Tata Consultancy Services: आईटी सेवा देने वाली कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने स्पर्श (सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन - रक्षा) के लिए अपने कॉन्ट्रैक्ट को तीन साल के लिए बढ़ा दिया है.
Tata Consultancy Services: अगर आप भी डिफेंस सेवा से रिटायर्ड हैं तो ये खबर आपके लिए हैं. दरअसल डिफेंस पेंशनरों के खाते में समय पर पेंशन पहुंचाने के लिए आईटी सेवा देने वाली कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की मदद से एक खास प्रणाली का इस्तेमाल किया. अब इसका कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने से पहले ही कंपनी ने स्पर्श (सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन - रक्षा) के लिए अपने कॉन्ट्रैक्ट को तीन साल के लिए बढ़ा दिया है. यह भारत सरकार के 3 मिलियन से अधिक डिफेंस पेंशनर्स को पेंशन का भुगतान करने में तेजी लाने के लिए शुरू किया गया एक प्रोजेक्ट है.
कंपनी ने 26 नवंबर को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार, आईटी सेवा प्रमुख कार्यक्रम के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को बनाए रखने के अलावा कुछ जरूरी सिस्टम को अपडेट करना है. TCS ने स्पर्श पर अक्टूबर 2020 पेंशन प्रोसेसिंग की शुरुआत की. स्पर्श (SPARSH) के डिजिटल परिवर्तन का नतीजा ये रहा कि पेंशन प्रोसेसिंग की समयसीमा 12 से 18 महीने से घटकर मात्र 14 दिन रह गया. इसके अलावा पहली बार पेंशन भुगतान अब 5-7 सात दिनों में दे दिया जाता है.
कंपनी ने कहा, "वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना को लागू करना में टीसीएस की सहयोग लेना इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि रही है. ओआरओपी यह गारंटी देता है कि समान रैंक और सेवा के वर्षों वाले डिफेंस कर्मियों को एक समान पेंशन मिलेगी फिर चाहे वे कब रिटायर हों."
कंपनी ने कहा कि ओआरओपी को 15 दिनों की रिकॉर्ड गति से 1.8 मिलियन पात्र पेंशनर्स को भेजा गया है और यह सब टीसीएस की छह से आठ महीनों से प्रसंस्करण समय को केवल दो सप्ताह तक कम करने की क्षमता के बदौलत हो पाया है. स्पर्श कार्यक्रम ने पेंशन वितरण प्रक्रिया को आसान बनाकर और बैंक सेवा शुल्क को समाप्त करके सरकार को सालाना लगभग 250 करोड़ रुपये की बचत कराई. है।
स्पर्श से सरकार को भी फायदा
स्पर्श सिस्टम, एक बड़े पैमाने का प्रयास है. इसके जरिए 1914 से अब तक के लाखों रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण और सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं के 30 लाख से अधिक डिफेंस पेंशनर्स को शामिल किया गया है. टीसीएस ने 50 संस्थानों और 2302 कार्यालयों को अपने साथ जोड़ा है. वहीं 282067 करोड़ रुपये से अधिक की कुल राशि पेंशनर्स को भेजी है. इससे पेंशनभोगियों के साथ-साथ सरकार को भी फायदा हुआ है.
टीसीएस, बीएसएनएल के साथ चल रहे 15000 करोड़ रुपये के सौदे के अलावा, भारत के टॉप स्टॉक एक्सचेंजों के साथ काम कर रही है. वहीं आरटीजीएस और एनईएफटी को मजबूत बनाने का भी कार्य कर रही है. इसके साथ ही पासपोर्ट जारी करने के प्रोसेस में बदलाव ला रही है. वहीं केंद्र और राज्य सरकार के कई अन्य कार्यों पर भी ध्यान दे रही है.
ये भी पढ़ें Zomato: जोमैटो CEO 2026 तक नहीं लेंगे सैलरी! इससे पहले भी फ्री में काम कर रहे थे दीपिंदर गोयल