Defence Sector: डिफेंस सेक्टर में पैदा होंगे 138 अरब डॉलर के अवसर, देशी कंपनियों को मिलेगा बढ़ावा
India Defence Report: नोमुरा ने इंडिया डिफेंस रिपोर्ट में कहा है कि सेना को मॉडर्न बनाने के लिए सरकार विशेष ध्यान दे रही है. देश में ही डिफेंस इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.
India Defence Report: भारत के डिफेंस सेक्टर को संभावनाओं का सागर कहा जाता है. सारी दुनिया की नजर तेजी से बढ़ते भारत के डिफेंस सेक्टर पर है. दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में गिनी जाने वाली इंडियन आर्मी की जरूरतों को पूरा करने के लिए न सिर्फ देशी बल्कि विदेशी कंपनियों में भी होड़ लगी हुई है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले 10 सालों में डिफेंस इक्विपमेंट, टेक्नोलॉजी और सर्विसेज का बाजार लगभग 138 अरब डॉलर का होगा.
स्वदेशी रक्षा उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग को दिया जा रहा बढ़ावा
नोमुरा द्वारा पेश की गई ‘इंडिया डिफेंस’ (India Defence) रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना यह पैसा वित्त वर्ष 2032 तक खर्च करती रहेगी. इसके चलते कंपनियों के लिए बड़े अवसर खुलेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का डिफेंस सेक्टर में पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2025 तक 29 फीसदी और वित्त वर्ष 2030 तक 37 फीसदी बढ़ जाएगा. भारत की सरकार ने पिछले कुछ सालों में देश के रक्षा बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की है. साथ ही सेना की जरूरतों को पूरा करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. देश में नीतियों में सुधार लाया गया है. इसके अलावा स्वदेशी रक्षा उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए इंसेंटिव भी दिए जा रहे हैं. साथ ही नई टेक्नोलॉजी पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत मिल रही विशेष छूट
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना को आधुनिक बनाने के लिए मेक इन इंडिया (Make in India) प्रोग्राम के तहत देशी कंपनियों को विशेष छूट दी जा रही है. डिफेंस एयरोस्पेस सेक्टर में 50 अरब डॉलर का निवेश किया जा रहा है. इसमें एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, मानव रहित हवाई वाहन (UAV), एवियोनिक्स और संबंधित प्रणालियों में किया जा रहा इनवेस्टमेंट शामिल है. डिफेंस शिप मैन्युफैक्चरिंग में भी कई महत्वपूर्ण अवसर पैदा हुए हैं. समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नेवी के जहाज, पनडुब्बी, पेट्रोल बोट और अन्य जहाजों के लिए 38 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट किया जा सकता है.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के स्टॉक में उछाल
मिसाइल, आर्टिलरी और गन सिस्टम को देश में ही बनाने पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही देश से डिफेंस एक्सपोर्ट भी तेजी से बढ़ रहा है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (Bharat Electronics) जैसी कंपनियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. यही वजह है कि पिछले एक साल में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के शेयर 156 फीसदी और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स का स्टॉक 109 फीसदी ऊपर गया है.
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