(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
SVB Crisis: भारतीय सब्सिडियरी में हिस्सा बेचेगा पिछले साल दिवालिया हुआ ये अमेरिकी बैंक
SVB Global Services India: सिलिकॉन वैली बैंक पिछले साल आए बैंकिंग संकट का शिकार हो गया था. उसके बाद सिलिकॉन वैली बैंक का परिचालन बंद हो चुका है...
सिलिकॉन वैली बैंक का नाम पिछले साल चर्चा में रहा था. साल 2023 के दौरान आए बैंकिंग संकट का शिकार होने वाले बैंकों में सिलिकॉन वैली बैंक एक प्रमुख नाम था. उसके बाद दिवालिया होने के चलते सिलिकॉन वैली बैंक को बंद होना पड़ गया था. अब अमेरिकी बैंक की पैरेंट कंपनी अपनी भारतीय सब्सिडियरी में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है.
ये है एसवीबी की भारतीय अनुषंगी
सिलिकॉन वैली बैंक को एसवीबी बैंक भी कहा जाता था. उसकी पैरेंट कंपनी एसवीबी फाइनेंशियल ग्रुप है, जो अब डिफंक्ट हो चुकी है. भारत में एसवीबी फाइनेंशियल ग्रुप की उपस्थिति एसवीबी ग्लोबल सर्विसेज इंडिया के मार्फत है, जो उसकी भारतीय अनुषंगी है. कंपनी ने अब बताया है कि वह अपनी भारतीय सब्सिडियरी की हिस्सेदारी को बेचने जा रही है.
इस बैंक को बेची जाएगी हिस्सेदारी
एसवीबी फाइनेंशियल ग्रुप ने एसवीबी ग्लोबल सर्विसेज इंडिया की अपनी हिस्सेदारी बेचने के बारे में बुधवार को जानकारी दी. उसने कहा कि एसवीबी ग्लोबल सर्विसेज इंडिया की हिस्सेदारी फर्स्ट सिटिजन बैंकशेयर्स को बेची जाएगी. फर्स्ट सिटिजन बैंकशेयर्स इंक एक अमेरिकी फाइनेंशियल कंपनी है, जिसका हेडक्वार्टर नॉर्थ कैरोलिना में है. कंपनी फर्स्ट सिटिजन्स बैंक नाम से बैंकिंग सेवाएं प्रदान करती है.
अगले महीने है अदालत में सुनवाई
हालांकि अभी इस सौदे की राह पूरी तरह से साफ नहीं हुई है. अभी मामले में अमेरिका की बैंकरप्सी अदालत में सुनवाई चल रही है. सिलिकॉन वैली बैंक को लेकर 9 अप्रैल को दिवालिया अदालत में सुनवाई होने वाली है. सुनवाई के बाद ही भारतीय सब्सिडियरी में हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी मिल पाएगी. कंपनी को उम्मीद है कि अगली सुनवाई में उसे मंजूरी मिल जाएगी, जिसके बाद सौदे को पूरा किया जा सकेगा.
अमेरिका का तीसरा बड़ा बैंकिंग फेल्योर
पिछले साल बैंकिंग संकट में अमेरिका और यूरोप के कई बैंक बंद हो गए. सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने से ही बैंकिंग संकट की शुरुआत हुई थी. इसे अमेरिका के बैंकिंग इतिहास का तीसरा सबसे बड़ा बैंकिंग फेल्योर कहा जाता है. सिलिकॉन वैली बैंक से शुरू हुए संकट ने एक अन्य अमेरिकी बैंक सिग्नेचर बैंक को भी अपना शिकार बनाया था. वहीं कई अन्य अमेरिकी रीजनल बैंकों की वैल्यू आधी से भी ज्यादा कम हो गई थी.
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