दिल्ली हाई कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल और रिलायंस के बीच हुई डील पर लगे स्टे को खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट के सिंगल बेंच जज ने इस सौदे पर स्टे लगा दिया था. इससे फ्यूचर और रिलायंस के बीच 24,713 करोड़ रुपये का सौदा रुक गया था. डिवीजन बेंच का यह फैसला अमेजन के लिए एक झटका है, जिसने फ्यूचर और रिलायंस के इस सौदे को चुनौती दी थी. अमेजन का कहना था फ्यूचर के साथ उसके करार के मुताबिक इसे 'फर्स्ट रिफ्यूजल' का अधिकार है.
सेबी और सीसीआई को फैसला लेने का आदेश
डिवीजन बेंच ने कहा कि अमेजन का फ्यूचर को राहत देने का कोई इरादा नहीं है , लिहाजा सेबी और कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया को कानून के तहत कार्यवाही आगे बढ़ाने में कोई कोताही नहीं करना चाहिए. कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया ने फ्यूचर-रिलायंस सौदे को मंजूरी दे दी थी. सेबी ने भी कुछ शर्तों के साथ इस डील को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी थी. हाई कोर्ट की मौजूदा बेंच ने सिंगल बेंच के इस फैसले को खारिज करते हुए अमेजन के उस अनुरोध को भी ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि सोमवार के फैसले को एक सप्ताह तक निलंबित रखा जाए. फ्यूचर ग्रुप ने कोर्ट के इस फैसले की जानकारी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को बता दिया है.
अमेजन ने उठाया ' फर्स्ट रिफ्यूजल' का मुद्दा
दरअसल पिछले साल फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस के साथ उसे अपना रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग बिजनेस बेचने का करार किया था. अमेजन का कहना है उसकी फ्यूचर कूपन्स में 49 फीसदी हिस्सेदारी है. अमेजन का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप ने उसके साथ हुए करार को तोड़ा है. समझौते के मुताबिक बिजनेस बेचे जाने से पहले अमेजन को फर्स्ट रिफ्यूजल का अधिकार है. अमेजन ने फ्यूचर और रिलायंस के सौदे को रोकने के लिए सिंगापुर की इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन अदालत की शरण ली थी.
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