नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सीबीआई की तरफ से दायर इस मामले में न्यायमूर्ति एस पी गर्ग ने सीबीआई और कार्ति के वकील की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.


सीबीआई ने यह कहते हुए कार्ति को जमानत देने का विरोध किया कि वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.


एजेंसी ने यह आरोप भी लगाया कि कार्ति ने कुछ साक्ष्यों से छेड़छाड़ की है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम ने उन्हें जमानत देने से इंकार करने के विशेष अदालत के न्यायाधीश के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.


सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कार्ति को एफआईपीबी मंजूरी के लिए रिश्वत के रूप में 10 लाख रुपये प्राप्त हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी को कार्ति के खिलाफ ईडी की तरफ से जारी समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.