क्या हिंडन एयरपोर्ट से कमर्शियल फ्लाइट्स की उड़ान पर लग जाएगी रोक? हाई कोर्ट में क्यों दायर हुई याचिका-जानें
Hindon Airport: दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा और कोर्ट ने केंद्र सरकार से लेकर एविएशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया से जवाबतलब किया है. जानें सारा मामला आखिरकार है क्या...
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Hindon Airport: दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट और गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट के बीच हितों के टकराव का मामला सामने आया है. दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड-डायल (DIAL) ने गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से कमर्शियल फ्लाइट्स शुरू करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है. केंद्र सरकार ने एविएशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को गाजियाबाद के हिंडन में इंडियन एयरफोर्स स्टेशन से कमर्शियल उड़ानें शुरू करने की अनुमति पिछले साल दे दी थी. अब इसके खिलाफ डायल ने जो पिटीशन दाखिल की है, उस पर जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्र और एएआई का रुख पूछा है.
क्या है सारा मामला
केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण या एविएशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयरफोर्स स्टेशन में अनुसूचित कमर्शियल उड़ानें शुरू करने की अनुमति दी थी. इससे दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को चिंता हो गई है. उसने हाई कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर करते हुए दलील दी है कि यूपी के जेवर में एक नया हवाई अड्डा पहले से ही बनाया जा रहा है जो दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 150 किलोमीटर के भीतर है. वहीं हिंडन एयरफोर्स स्टेशन को भी इन दो हवाई अड्डों के फुल कैपेसिटी पर पहुंचने से पहले ही कमर्शियल ऑपरेशन शुरू करने की अनुमति दी जा रही है. इससे तो आईजीआई एयरपोर्ट पर असर देखा जाएगा और ना सिर्फ इसपर बल्कि सभी तीन हवाई अड्डों (दिल्ली, हिंडन, जेवर) की उपयोगिता कम हो जाएगी. दिल्ली एयरपोर्ट ने अपनी दलील में कहा कि केंद्र का 31 अक्टूबर, 2023 का फैसला मनमाना, गलत और व्यावसायिक रूप से चलने वाला नहीं है.
याचिका में क्या कानूनी दलीलें दी गई है
- याचिका में कहा गया है कि हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा स्थापित करने का निर्णय 1997 की नीति, ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा नीति और राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति सहित स्थापित नीतियों का उल्लंघन करता है. इसके अंतर्गत मौजूदा हवाईअड्डों के 150 किलोमीटर के भीतर नए हवाई अड्डों को प्रतिबंधित किया गया है.
- बुनियादी ढांचा नीति और नई हवाई अड्डा नीति के बारे में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना फैसला लिया गया है. एक और नए हवाई अड्डे को प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से बनाया जाना चाहिए था.
- इसके अलावा यह हितों के टकराव के बारे में चिंता पैदा करता है, क्योंकि डायल में 26 फीसदी शेयरधारक एएआई, हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से उड़ानों के ऑपर्शन के फैसले में शामिल हैं.
- याचिका में हिंडन प्रोजेक्ट से जुड़े विवादित फैसले, प्रस्ताव और कम्यूनिकेशन को रद्द करने की मांग की गई है.
- डायल ने अपनी याचिका में कहा कि IGI एयरपोर्ट के विस्तार के लिए डायल ने काफी निवेश किया है. उससे हवाई अड्डे की क्षमता में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसके बावजूद केंद्र ने बिना सुनवाई का मौका दिए एकतरफा फैसला लिया है जो कानूनी दायरे से बाहर है.
कब होगी मामले की सुनवाई
दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई मार्च में करेगी.
क्या है DIAL
डायल जीएमआर की अगुवाई वाले ग्रुप और एविएशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया का संयुक्त उद्यम है. यह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) को ऑपरेट करता है. जीएमआर के नेतृत्व वाला कंसोर्टियम डायल, एएआई के साथ इस एयरपोर्ट के ऑपरेशन, मेंटेनेंस, डेवलपमेंट और मैनेजमेंट के लिए खास अधिकार और जिम्मेदारियां रखता है.
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