Rapid Rail: तीन हफ्ते बाद हवाई जहाज जैसी सुविधाओं वाली देश की पहली रैपिड रेल गाजियाबाद के साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक दौड़ने लगेगी. इसका पहला खंड साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है. इस खंड पर रैपिड रेल को अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है. इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है और अब ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का काम भी लगभग पूरा हो गया है. अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी. 


कितने होंगे स्टेशन-कैसे ले सकेंगे टिकट


इस रूट पर 5 स्टेशन होंगे, जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं. इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे. खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतजाम किया गया है. अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके. इसके साथ महिलाओं के लिए अलग कोच की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई है, जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा.


वाईफाई से लेकर ऑटोमैटिक डोर, CCTV और बहुत कुछ मिलेगा


हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा, लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं. ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी. सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है.


कितना होगा रैपिड रेल का किराया


डीपीआर के अनुमान के मुताबिक, ट्रेन में किराया करीब 2 रुपये प्रति किमी होगा. बाद में किराया बढ़ाने का अधिकार निजी एजेंसी को नहीं होगा. मेट्रो की तरह किराया कमेटी ही तय करेगी, जो जज की अध्यक्षता में बनती है. दिल्ली मेट्रो की सात लाइनों पर रैपिड लाइन की कनेक्टिविटी होगी. इसे मुनिरका, आईएनए और एरोसिटी से जोड़ा जाएगा.


दिल्ली से मेरठ के बीच वाले रूट पर क्या हैं अपडेट्स


दिल्ली से मेरठ के बीच साल 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है. इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है. दूसरा फेज साहिबाबाद से मेरठ तक का होगा. यह फेज मार्च 2024 तक पूरा होगा. इसके बाद अंतिम फेज मेरठ के मोदीपुरम से दिल्ली के सराय काले खां तक होगा. इस फेज का काम 2025 तक शुरू हो जाएगा. दुहाई यार्ड में 13 ट्रेनों को खड़े करने की व्यवस्था है इसलिए प्रथम चरण में 13 रैपिड ट्रेनों के ही संचालन की तैयारियां की जा रही हैं, जबकि दिल्ली से मेरठ के बीच पूरे रुट के निर्माण के बाद कुल 30 रैपिड ट्रेनों को चलाने की तैयारी है. गाजियाबाद के दुहाई यार्ड में रैपिड रेल कॉरिडोर का ऑपरेशन एंड कमांड कंट्रोल सेंटर तैयार किया जा रहा है. कुछ सप्ताह में शुरू होने वाले प्रथम चरण के साथ ही पूरे रूट पर दौड़ने वाली सभी रैपिड ट्रेनों का संचालन और नियंत्रण इसी ऑपरेशंस सेंटर से कमांड किया जाएगा.


यूपी सरकार और केंद्र सरकार का जॉइंट वेंचर है RRTS


दरअसल, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर परियोजना का मकसद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की भीड़भाड़ को कम करना है. इसके अलावा वाहनों के यातायात और वायु प्रदूषण पर लगाम कसना और संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करना है. दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस), केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार का 30,274 करोड़ रुपये का एक संयुक्त उद्यम है.


हाल ही में मीडिया से बातचीत में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के एमडी विनय कुमार सिंह ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि लगभग 8 लाख यात्री प्रतिदिन इस रैपिड रेल से यात्रा करेंगे. साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी लंबे प्राथमिकता वाले खंड के लिए वास्तुकला और डिजाइन के काम को पांच स्टेशनों साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो को अंतिम रूप दिया गया है. निर्माण कार्य उन्नत अवस्था में है. कोविड-19 ने सभी गतिविधियों पर ब्रेक लगा दिया था इससे रैपिड रेल का काम भी प्रभावित हुआ, लेकिन तय वक्त पर यात्रियों के लिए तैयार कर ली जाएगी.


1 घंटे में दिल्ली से मेरठ पहुंच सकेंगे यात्री


यूपी सरकार ने चालू वित्तवर्ष में परियोजना के लिए 1,326 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. आरआरटीएस प्रोजेक्ट के मुताबिक पूरे कॉरिडोर के साथ 24 स्टेशन बनाए जाएंगे. विनय कुमार सिंह ने कहा, हमारा लक्ष्य 2025 में दिल्ली के यात्री रैपिड रेल से एक घंटे में मेरठ पहुंच सकेंगे. हमारा अनुमान है कि 2025 में रैपिड रेल पर रोजाना 8 लाख यात्री सफर करेंगे.


आगे की क्या है योजना


आरआरटीएस के मुताबिक, सराय काले खां से अलवर तक बनने वाली रैपिड रेल के लिए सराय काले खां से एसएनबी तक 106 किमी रूट के लिए हरियाणा और दिल्ली सरकार से मंजूरी मिल गई है. उम्मीद है कि जल्द ही केंद्र सरकार भी इसे मंजूरी दे देगी. फिलहाल इसके लिए प्री-कंस्ट्रक्शन का काम जारी है, ताकि अप्रूवल मिलने के बाद निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जा सके.


ये भी पढ़ें


Layoffs: नहीं रुक रहा छंटनी का सिलसिला, Meta कई और कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी, जानें वजह