Housing Prices In India: दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी ( Residential Property) के दामों में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिला है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 के जुलाई से सितंबर तिमाही के बीच 14 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ पूरे देश में दिल्ली - एनसीआर में घरों के दामों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी आई है. 


क्रेडाई (Credai), कोलियर्स इंडिया ( Colliers India) और लायसस फोरास (  Liases Foras) ने ज्वाइंट रिपोर्ट जारी किया है जिसके मुताबिक जुलाई से सितंबर तिमाही के बीच दिल्ली एनसीआर में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में 14 फीसदी का उछाल देखने को मिला है और कीमत औसतन 7741 रुपये प्रति वर्ग फुट पर जा पहुंचा है. सबसे ज्यादा 21 फीसदी कीमतों में बढ़ोतरी गोल्फ कोर्स रोड एरिया में देखने को मिली है, इसके बाद गाजियाबाद की बारी आती है. दिल्ली एनसीआर के बाद सबसे ज्यादा कोलकाता के रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के दामों में 12 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. कोलकाता में औसतन कीमत बढ़कर 6,594 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया है. गुजरात के अहमदाबाद में 11 फीसदी, वहीं पुणे में 9 फीसदी दाम बढ़े हैं. हैदराबाद में औसतन कीमत 8 फीसदी बढ़ा है और दाम औसतन 9,266 रुपये प्रति वर्ग फुट पर जा पहुंचा है. बैंगलुरू में 6 फीसदी के दर से दामों में बढ़ोतरी आई है. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक चेन्नई और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन में कीमतें स्थिर रही है. 


अनसोल्ड इवेंटरी घटी
रिपोर्ट में मुताबिक 2022 की तीसरी तिमाही में जबरदस्त हाउसिंग डिमांड के चलते दिल्ली एनसीआर में अनसोल्ड इवेंटरी में भी 11 फीसदी की कमी आई है.  वहीं मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन में नई हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लॉन्चिंग के चलते अनसोल्ड इवेंटरी में 21 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. सीआईआई के नेशनल प्रेसीडेंट हर्ष वर्धन पटोदिया ने कहा कि देशभर के रियल एस्टेट मार्केट के कीमतों के लिहाज से शानदार रिकवरी देखने को मिली है. महामारी के दौरान लोगों ने किराये के घर की बजाये अपने घर के महत्व को समझा जिसके चलते हाउसिंग डिमांड जबरदस्त बना हुआ है. 


लागत बढ़ने के चलते बढ़े दाम
रिपोर्ट के मुताबिक कंस्ट्रक्शन लागत में बढ़ोतरी के चलते देश के 8 बड़े शहरों में बीते साल के समान तिमाही के मुकाबले 2022 के जुलाई से सितंबर तिमाही के बीच रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के दामों में 6 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 के शुरुआत से मांग में तेजी के साथ इनपुट कॉस्ट बढ़ने के चलते रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी देखने को मिली है. 


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