SEBI Data: स्टॉक मार्केट से दिल्ली वालों ने बनाई दूरी, कैश सेगमेंट में घटा निवेश, सेबी की सालाना रिपोर्ट में हुआ खुलासा
Stock Market Investment: शेयर बाजार में निवेश करने के मामले में देश की राजधानी से कही आगे फाइनेंशियल कैपिटल मुंबई है.
SEBI Data Update: एक तरफ कोरोना बाद के वर्षों में स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है जिसका प्रमाण डिमैट खातों की संख्या है जो 12.35 करोड़ के ऊपर जा पहुंचा है. लेकिन स्टॉक मार्केट में किए जाने वाले निवेश में देश के टॉप 10 शहरों में दिल्ली की हिस्सेदारी में कमी आई है. सेबी के सालाना रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है.
स्टॉक मार्केट में कैश सेगमेंट के टर्नओवर में राजधानी दिल्ली की हिस्सेदारी 2022-23 में कम हुई है. बीएसई और एनएसई दोनों में कैश सेगमेंट में निवेश घटा है. 2022-23 में बीएसई पर कैश सेगमेंट में दिल्ली का शेयर 2021-22 के 2.2 फीसदी से घटकर 2022-23 में 1.5 फीसदी रह गया है. जबकि एनएसई पर 2021-22 में 5.4 फीसदी से शेयर घटकर 2022-23 में 3.7 फीसदी रह गया है.
जबकि देश की फाइनेंशियल कैपिटल मुंबई ने कैश सेगमेंट में अपने मार्केट शेयर में और ज्यादा सुधार किया है. 2022-23 में कैश सेगमेंट में एसएसई के कुल टर्नओवर में मुंबई का शेयर 68 फीसदी है जबकि बीएसई पर 40 फीसदी हिस्सेदारी रही है. अहमदाबाद शहर की भी हिस्सेदारी कैश सेगमेंट में बढ़ी है. एनएसई पर 11.2 फीसदी तो बीएसई पर 23.2 फीसदी शेयर अहमदाबाद का है.
एनएसई पर कैश सेगमेंट में एक फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी वाले शहरों में दिल्ली के अलावा कोलकाता, हैदराबाद शामिल है जबकि बीएसई पर दिल्ली के अलावा कोलकाता शहर शामिल है जिसके कुल टर्नओवर में एक फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है. वैसे बीएसई पर कोलकाता का शेयर 2021-22 के 2.3 फीसदी के मुकाबले 2022-23 में घटकर 1.9 फीसदी पर आ गया है. वडोदरा का मार्केट शेयर 2021-22 में 0.4 फीसदी से घटकर 2022-23 में 0.3 फीसदी पर आ गया है.
एनएसई पर कोलकाता का मार्केट शेयर कैश सेगमेंट टर्नओवर में 2021-22 में 5 फीसदी से घटकर 2022-23 में 4.2 फीसदी पर आ गया है. जबकि हैदराबाद का 2.7 फीसदी से घटकर 2.5 फीसदी, बेंगलुरू का 1.2 फीसदी से घटकर 0.8 फीसदी रह गया है. कोच्चि का मार्केट शेयर 0.5 फीसदी से घटकर 0.4 फीसदी रह गया है. वैसे मुंबई और अहमदाबाद को छोड़ बाकी शहरों का निवेश घटा है कहीं इसकी वजह 2022-23 में बाजार में आई उठापटक तो नहीं है?
ये भी पढ़ें
Tomato Price Hike: महंगे टमाटर की मार शाकाहारियों पर, जुलाई में 34% महंगी हुई वेजिटेरियन थाली