क्या आप भी ऑफिस से आने-जाने में कैब का इस्तेमाल करते हैं? अगर हां तो आपने भी कई बार देखा होगा कि बराबर दूरी के लिए आपका किराया काफी ज्यादा आया होगा. दरअसल ओला और उबर जैसे ऐप बेस्ड टैक्सी प्रोवाइडर (App Based Taxi Privider) व्यस्त घंटों के दौरान कैब यात्रियों से सर्ज प्राइस (Cab Surge Charge) वसूला करती हैं. हालांकि अब इनके ऊपर लगाम लगाने की तैयारी जोर पकड़ रही है.


इस बदलाव की हुई तैयारी


हिंदी अखबार हिन्दुस्तान में छपी खबर के अनुसार, दिल्ली सरकार Ola या Uber जैसी कंपनियों को झटका देने जा रही है. दिल्ली के परिवहन विभाग ने नया नियम तैयार किया है, जिसके लागू होने पर ये कंपनियां पीक टाइम में कैब का किराया नहीं बढ़ा सकेंगी. खबर में कहा गया है कि मोबाइल ऐप बेस्ड टैक्सी प्रोवाइडर अब व्यस्त समय यानी पीक टाइम में किराया नहीं बढ़ा पाएंगी.


ये है मौजूदा प्रावधान


ज्यादातर पीक टाइम सुबह 7 से 11 बजे और शाम 5 से 8 बजे के बीच या फिर देर रात लागू होता है. इस दौरान ओला और उबर जैसी कंपनियों के कैब के फेयर काफी बढ़ जाते हैं, क्योंकि इनके मूल किराये में सर्ज चार्ज (Surge Charge) जुड़ जाता है. मौजूदा प्रावधान के हिसाब से ये कैब कंपनियां तय किराए से अधिकतम दोगुणा तक सर्ज चार्ज वसूल सकती हैं. यही कारण है कि कैब कंपनियां व्यस्त घंटों के दौरान सामान्य से काफी ज्यादा किराया लेती हैं.


इस कारण हटा सर्ज चार्ज


खबर के मुताबिक, परिवहन विभाग ने टैक्सी संचालकों के लिए तैयार नीति में सर्ज चार्ज को हटा दिया है. दिल्ली में टैक्सी संचालकों के लिए एग्रीगेटर नीति को अंतिम रूप दिया जा चुका है. अब इस पर जनता की राय ली जाएगी. खबर में दावा किया गया है कि सर्ज चार्ज के प्रावधान से दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत खुद नाराज थे. दूसरी ओर आम लोग भी लंबे समय से सर्ज चार्ज को नियमित और नियंत्रित करने की मांग कर रहे थे. लोग अक्सर यह शिकायत करते थे कि कैब कंपनियां सर्ज चार्ज के नाम पर मनमाना किराया वसूल करती हैं.


कैब शेयरिंग पर भी रोक


खबर के अनुसार, दिल्ली सरकार के द्वारा तैयार नई नीति में सर्ज चार्ज के साथ कैब शेयरिंग को लेकर भी नियमों में बदलाव किया गया है. बताया जा रहा है कि सरकार कैब शेयरिंग के प्रावधान को भी खत्म करने जा रही है. इस कदम से रोजाना कैब से सफर करने वालों को नुकसान हो सकता है. खासकर वैसे लोगों को नुकसान उठाना पड़ेगा, जो रोजाना सफर का किराया कम करने के लिए शेयरिंग की सुविधा का लाभ उठाते हैं.


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