High Inflation Impact: खुदरा महंगाई दर के आंकड़े भले ही 18 महीने के निचले लेवल पर आ गया हो. लेकिन लोगों की जेब पर महंगाई दर में गिरावट का असर नहीं हुआ है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है महंगाई के चलते छोटे शहरों में मांग में कमी देखी जा रही है. लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स, अपरैल, जूतों की मांग छोटे शहरों में कम देखी जा रही है. सेल्स में गिरावट के बाद कई रिटेल कंपनियों ने छोटे शहरों में स्टोर्स खोलने के अपना प्लान को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. 


कोरोना महामारी के बाद डिमांड बढ़ने की उम्मीद में रिटेल कंपनियों ने छोटे शहरों की तरफ रुख करना शुरू कर दिया. सप्लाई बढ़ा दी तो कई स्टोर्स खोले लेकिन उम्मीदों के मुताबिक छोटे शहरों में डिमांड नहीं देखने को मिली है. हाल ही में आदित्य बिरला फैशंस के सीएफओ जगदीश बजाज ने इंवेस्टर्स के साथ हुई बैठक में Pantaloons के बिजनेस के बारे में बताया कि मेट्रो शहरों में डिमांड मजबूत है लेकिन टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में महंगाई के दबाव और कमजोर सेंटीमेंट के चलते मांग पर असर पड़ा है. Pantaloons ने जहां छोटे शहरों में जहां 60 से 70 स्टोर्स खोलने की योजना बनाई थी उसे घटाकर 40 से 50 कर दिया गया है. हालांकि कंपनी को उम्मीद है कि त्योहारों के सीजन में हालात में सुधार देखने को मिल सकता है. 


बीते वर्ष कॉटन के दामों में बढ़ोतरी और ट्रांसपोर्ट कॉस्ट के बढ़ने और डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी के बाद ज्यादातर अपैरल और लाइफस्टाइल रिटेलर्स ने प्रोडक्ट के दाम बढ़ाये थे. पिछले कुछ महीनों में लागत घटी है तो कंपनियों ने उसका लाभ कुछ हद तक उपभोक्ताओं को दिया भी है. इसके बावजूद जनवरी मार्च तिमाही में डिमांड कम रही है. हालांकि कंपनियों को उम्मीद है कि महंगाई में कमी का असर डिमांड पर जल्द दिख सकता है. 


दरअसल महंगाई बढ़ने के चलते लोगों ने इस प्रकार के खर्चों पर फिलहाल के लिए हाथ बांध रखे हैं. जिसका खामियाजा रिटेल कंपनियों को उठाना पड़ा है. लेकिन आरबीआई गवर्नर से लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार मानते हैं आने वाले दिनों में महंगाई घटने की उम्मीद है. महंगाई में कमी आई तो छोटे शहरों में डिमांग बढ़ाने में मदद मिलेगी. 


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