शेयर मार्केट में पिछले कुछ दिनों की तेजी से अर्थव्यवस्था में रफ्तार के संकेत मिलने लगे हैं. पिछले सात कारोबारी सेशन के दौरान मार्केट की रफ्तार बढ़ रही. अब तक सेंसेक्स में 2500 प्वाइंट की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है और पिछले सात महीने के सबसे ऊंचे स्तर 40,509 पर पहुंच चुका है. इसके साथ ही कंजप्शन यानी खपत आधारित इंडिकेटर्स ऊपर उठते दिख रहे हैं.


शेयर मार्केट में दिख रहा है रिकवरी का असर


सितंबर के डेटा के मुताबिक कुछ दूसरे इंडिकेटर्स के साथ ही ईंधन और बिजली के इंडिकेटर भी फरवरी (प्री-कोविड) के स्तर को पार करते दिख रहे हैं. शेयर मार्केट में इन सेक्टरों की बेहतर रिकवरी का असर दिखा. वहीं हॉस्पेटिलिटी, टूरिज्म और एयरलाइंस की हालत अब भी खराब है. हालांकि जिन सेक्टरों में अच्छी रिकवरी दिख रही है, उनकी बदौलत अगली कुछ तिमाहियों में जीडीपी अनुमान में इजाफा हो सकता है. सितंबर में स्टील, टोल कलेक्शन, ट्रैक्टर, पैसेंजर गाड़ियों और दोपहिया वाहनों की बिक्री फरवरी (प्री-कोविड) के लेवल तक जा पहुंची. आरबीआई, और वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक रिकवरी के मामले में कई सेक्टर अभी काफी पिछड़े हुए हैं लेकिन आईटी, फार्मा, ऑटोमोबाइल और रिटेल सेक्टर में काफी अच्छी रिकवरी दिख रही है.


बिजली, पेट्रोल और डीजल की खपत में इजाफा


आर्थिक गतिविधियों में रफ्तार के एक प्रमुख इंडिकेटर बिजली की खपत में काफी अच्छी बढ़ोतरी हुई है. ईंधन की खपत में भी इजाफा दिख रहा है . पिछले महीने पेट्रोल की बिक्री में 3.3 फीसदी (पिछले साल की इस अवधि की तुलना में) का इजाफा दर्ज हुआ है. हालांकि इस साल सितंबर में पिछले साल की इस अवधि की तुलना में डीजल की बिक्री में कमी दर्ज की गई है. जबकि अगस्त, 2020 में डीजल की खपत पिछले साल की तुलना (अगस्त, 2019) में 20 फीसदी गिर गई थी. पैसेंजर गाड़ियों और टू-व्हीलर्स की बिक्री में इजाफे से भी रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं. हाल में आईटी कंपनी टीसीएस के बढ़िया नतीजे भी आईटी सेक्टर में अच्छी डिमांड को दिखाते हैं. कॉमर्शियल सेक्टर के लिए बैंकों के ऋण में भी इजाफा देखने को मिला है.

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