Black Money: काले धन पर प्रहार करने के लिए की गई नोटबंदी (Demonetisation) अपने उद्देश्य में असफल रही. सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना (Justice BV Nagarathna) ने नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर 98 फीसदी रकम सिस्टम में वापस आ गई तो नोटबंदी का फायदा क्या हुआ. इससे काला धन (Black Money) कैसे कम हो गया. मुझे ऐसा लगता है कि इस कदम से काले धन को सफेद करने में मदद मिली है. इसके अलावा आम आदमी को मुसीबतों का सामना करना पड़ा. नोटबंदी के फैसले पर सवालिया निशान लगे हुए हैं.


नोटबंदी से काला धन कैसे खत्म हुआ 


जस्टिस नागरत्ना ने नेलसर यूनिवर्सिटी में बोलते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद सिस्टम में मौजूद लगभग 98 फीसदी करेंसी वापस किसी न किसी तरीके से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पास आ गई. ऐसे में नोटबंदी को सफल कैसे माना जा सकता है. इस फैसले से हम काला धन कैसे खत्म कर पाए. इनकम टैक्स विभाग ने इसके बाद क्या कार्रवाई की, इस बारे में भी हमें कोई जानकारी नहीं है. हमने सिर्फ लोगों को लाइनों में लगकर परेशान होते देखा. इस बात ने हमें झकझोर दिया और इसका विरोध करने को प्रेरित किया.


जस्टिस नागरत्ना ने किया था फैसले का विरोध 


साल 2023 में जस्टिस अब्दुल नजीर के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने नोटबंदी के पक्ष के 4-1 से फैसला सुनाया था. जस्टिस नागरत्ना ने इस फैसले का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि आरबीआई ने मात्र 24 घंटे में इतना बड़ा एक्शन किया. कुछ लोगों का तो यह भी दावा है कि जल्दबाजी में लिए गए इस फैसले की जानकारी वित्त मंत्री तक को नहीं थी. 


गवर्नर और सरकारों के झगड़े चिंता का विषय 


जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि राज्य सरकारों और गवर्नर के बीच हो रहे विवाद संविधान की दृष्टि से सही नहीं हैं. गवर्नर एक गंभीर संवैधानिक पद है. गवर्नर को संविधान के हिसाब से काम करना चाहिए. हाल के दिनों में ऐसे कई विवाद तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना और पंजाब में सामने आए हैं.


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