RBI MPC Member: क्या नोटबंदी के फैसले से टैक्स कलेक्शन में हुई बढ़ोतरी? मौद्रिक नीति समिति के सदस्य ने बताया सच
RBI की मौद्रिक नीति समिति की सदस्य आशिमा गोयल ने टैक्स कलेक्शन में आई तेजी का श्रेय नोटबंदी को दिया है..
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RBI MPC Member Ashima Goyal: देश में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की मौद्रिक नीति समिति (Member of Monetary Policy Committee-MPC) की सदस्य आशिमा गोयल (Member Ashima Goyal) ने टैक्स कलेक्शन (Tax Collections) में आई तेजी का श्रेय नोटबंदी (Demonetisation) को दिया है. उन्होंने कहा है कि यह देश में एक व्यापक आधार पर कम कर लगाने की आदर्श स्थिति की तरफ ले जाएगा.
Digital Payment को बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1,000 रुपये के तत्कालीन नोटों को चलन से बाहर करने का ऐलान करते हुए कहा था कि इस अप्रत्याशित कदम से काला धन पर लगाम लगाने के साथ ही डिजिटल भुगतान (Digital Payment) को बढ़ावा मिलेगा.
Tax चोरी की घटनाओं में कमी
एमपीसी की सदस्य आशिमा गोयल का कहना है कि नोटबंदी के सख्त कदम की कुछ अल्पकालिक लागत चुकानी पड़ी है. उन्होंने कहा कि दीर्घावधि में इसके कुछ लाभ भी होंगे. डिजिटलीकरण की दर में वृद्धि, अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने और कर चोरी की घटनाओं में कमी जैसे लाभ प्रमुख हैं. कर विभाग ने गत 9 अक्टूबर को कहा था कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनियों एवं व्यक्तिगत आय पर कर का कुल संग्रह करीब 24 प्रतिशत बढ़कर 8.98 लाख करोड़ रुपये हो चुका है.
1.40 लाख करोड़ रहा GST कलेक्शन
आपको बता दें कि माल एवं सेवा कर (GST) का कलेक्शन लगातार 7वें महीने 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. सितंबर माह में जीएसटी कलेक्शन 1 साल पहले की तुलना में 26 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.47 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. गोयल ने कहा कि इससे नकदी के इस्तेमाल में कमी और मौजूदा भुगतान प्रणाली को अतिरिक्त समर्थन देने का मकसद पूरा हो सकेगा. आशिमा गोयल ने कहा कि सीबीडीसी से डिजिटल युग में निश्चित रूप से नई जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा. यह मुद्रा सुदूर इलाकों तक पहुंच आसान बनाने के साथ ही वित्तीय समावेशन को गति देगी और उससे जुड़ी लागत में कमी आएगी. रिजर्व बैंक ने कहा कि वह अपनी डिजिटल मुद्रा को पायलट स्तर पर पेश करने की तैयारी में है.
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