Pakistan Demonetization News: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था रसातल में जा चुकी है, जिस कारण वहां सस्ती चीजों के दाम भी आसमान पर पहुंच चुके हैं. पाकिस्तान में मंहगाई दर मार्च के दौरान बढ़कर 35.4 फीसदी पर पहुंच चुका है. वहीं पाकिस्तान के लोगों की प्रति व्यक्ति आय भी बेहद कम हो चुकी है. दूसरी ओर इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड की ओर से बेलआउट नहीं मिलने से स्थिति और गंभीर हो चुकी है. 


इस बीच, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नोटबंदी की मांग की जा रही है. एक अर्थशास्त्री ने कहा है कि आर्थिक संकट से बाहर आने के लिए पाकिस्तान को 5000 रुपये के नोट को बंद कर देना चाहिए. भारत का उदाहरण देते हुए अर्थशास्त्री ने कहा कि यहां नोटबंदी के बाद टैक्स कलेक्शन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. 


अर्थशास्त्री ने बताया पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी कमी 


सोशल मीडिया पर एक प्रोडकॉस्ट वायरल हो रहा है. अर्थशास्त्री अम्मार खान इसके बारे में बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में 8.5 ट्रिलियन तक कैश की कमी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इकनॉमी में सबकुछ कैश में हो रहा है. पाकिस्तान में अगर कोई पेट्रोल भी खरीदने जाता है तो वह कैश में पेमेंट कर रहा है, जबकि पेट्रोल का आयात डॉलर में होता है. वहीं कैश में मनी आने अर्थव्यवस्था में कोई टैक्स नहीं जा रहा है. बस यही वह जगह है, जहां पर समस्या पैदा हो रही है. 


क्यों होनी चाहिए नोटबंदी अम्मार खान ने बताया 


अम्मार खान ने कहा कि जब कैश सिस्टम से बाहर चला जाता है, तो उत्पादक उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है. पाकिस्ताान के पास 8 ट्रिलियन से ज्यादा का कैश है. अगर इसमें से कुछ हिस्सा पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में जाती है तो बदलाव होगा और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा. उन्होंने सभी करेंसी में से सिर्फ 5000 रुपये के नोट को अगले 6 महीने में बंद करने की सलाह दी है, ताकि बाकी के नोटों से स्थिति समान्य रहे.



क्यों रुका हुआ है बेलाआउट फंड 


बता दें कि पाकिस्तान ने 2019 में 6.5 ​अरब डॉलर के बेलआउट फंड के लिए हस्ताक्षर किए थे, लेकिन इसमें से कुछ ही फंड को जारी किया गया है और अगली किस्त को लेकर बातचीत चल रही है. पाकिस्तान के द्वारा शर्तों को पूरा नहीं किए जाने के कारण आईएमएफ बेलआउट फंड को रोका गया है. 


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