नोटबंदी ने वैक्यूम क्लीनर की तरह नकदी को सोख लिया: आईएमएफ
नई दिल्ली: भारत में नोटबंदी को लागू हुए 4 महीने पूरे होने वाले हैं और इसके असर को लेकर अबी तक बातें हो रही हैं. कई अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकिंग फर्मों और रेटिंग एजेंसियों ने नोटबंदी के बाद भारत पर हुए निगेटिव असर को माना है. आईएमएफ पहले ही नोटबंदी के असर के चलते देश की जीडीपी में गिरावट आने का अनुमान दे चुका है पर आज इसने इसको लेकर एक बड़ा बयान दिया है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष यानी आईएमएफ के एक अधिकारी ने कहा कि भारत में नोटबंदी से नकदी की गंभीर समस्या पैदा हुई और इससे उपभोग बुरी तरह प्रभावित हुआ. नोटबंदी ने नकदी को वैक्यूम क्लीनर की तरह सोख लिया. अब धीमी रफ्तार से देश में कैश को बदला जा रहा है. आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के सहायक निदेशक पॉल ए कैशीन ने ‘आपने गैर परंपरागत मौद्रिक नीतियों के जरिये ‘हेलीकॉप्टर से पैसा’ गिराने के बारे में सुना होगा. इसी तरह नोटबंदी की पहल को वैक्यूम क्लीनर की तरह लिया जा सकता है.
आईएमएफ ने भारत पर अपनी वाषिर्क कंट्री रिपोर्ट जारी की है. कैशीन ने इस बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, ‘‘यह नकदी को सोखने जैसा है. बाद में वैक्यूम क्लीनर उल्टा चलकर पैसा डाल रहा है, हालांकि इसकी रफ्तार काफी धीमी है. इससे नकदी का संकट पैदा हुआ है जिससे देश में खपत पर निगेटिव असर पड़ा है.’ बाजार में नकदी के संकट के मद्देनजर आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार से नए बैंक नोटों को डालने का काम तेजी से करने को कहा है. जरूरत होने पर अस्थायी छूट मसलन ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में पुराने नोट के इस्तेमाल की अनुमति देने को कहा गया है.