देश में 5जी रॉलआउट होने लगा है. रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों को 5जी सेवाएं देने लग गई हैं. इस बीच दूरसंचार विभाग 5जी को लेकर कंपनियों को एक बड़ी राहत देने की तैयारी में है. सरकार 5जी मिनिमम रॉलआउट पेनल्टी को माफ कर सकती है. अगर ऐसा होता है तो वोडाफोन आइडिया और अडानी डेटा नेटवर्क्स जैसी कंपनियों को सीधा फायदा होने वाला है.


इन 4 कंपनियों को मिला था स्पेक्ट्रम


ईटी की एक रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि दूरसंचार विभाग 26 गीगाहर्ट्ज 5जी स्पेक्ट्रम के लिए मिनिमम रॉल आउट की जरूरतें पूरी नहीं करने पर दूरसंचार कंपनियों के ऊपर लगने वाले जुर्माने को माफ करने के बारे में विचार कर रहा है. जियो और एयरटेल जैसी कंपनियां 5जी रॉलआउट की मिनिमम जरूरतों को पहले ही पूरी कर चुकी हैं, लेकिन वोडाफोन आइडिया और अडानी डेटा नेटवर्क्स इस शर्त को पूरी नहीं कर पाई हैं. अगस्त 2022 में हुई 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में 4 कंपनियां जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी डेटा नेटवर्क्स बोली जीतने में सफल साबित हुई थीं.


तकनीकी इकाई के सुझाव के बाद निर्णय


रिपोर्ट के अनुसार, इस बारे में अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन दूरसंचार विभाग जल्द ही पेनल्टी हटाने को लेकर अंतिम निर्णय ले सकता है. कंपनियों का कहना है कि इकोसिस्टक के अभाव में वे मिनिमम 5जी रॉलआउट नहीं कर पाई हैं. दूरसंचार विभाग ने इस बारे में अपनी तकनीकी इकाई टेलीकम्युनिकेशंस इंजीनियरिंग सेंटर से सुझाव मंगाया है. सुझाव मिलने के बाद अंतिम निर्णय का ऐलान किया जाएगा.


इस तरह है जुर्माने का प्रावधान


5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के साथ सरकार ने तय समयसीमा में कम से कम रॉलआउट की शर्त लगाई थी. उसके अनुसार, अगर तय समय में नेटवर्क रॉलआउट नहीं होता है तो हर सप्ताह के हिसाब से 1-1 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई जा सकती है. 13 सप्ताह तक के लिए हर सप्ताह 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है. 13 सप्ताह में भी अमल नहीं होने पर उसके बाद अगले 13 सप्ताह के लिए जुर्माने की रकम बढ़कर 2 लाख रुपये प्रति सप्ताह हो जाती है.


स्पेक्ट्रम भी वापस ले सकती है सरकार


अगर कोई कंपनी शुरुआती 26 सप्ताह में भी मिनिमम रॉलआउट नहीं कर पाती हैं तो अगले 26 सप्ताह तक उसके ऊपर 4-4 लाख रुपये प्रति सप्ताह की दर से जुर्माने का प्रावधान किया गया है. वहीं अगर किसी कंपनी से किसी भी फेज में 52 सप्ताह यानी एक साल से ज्यादा की देरी हो जाती है तो उसके ऊपर 1.40 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगेगी. सरकार अधिकतम पेनल्टी लगाने के साथ-साथ आवंटित स्पेक्ट्रम को वापस भी ले सकती है.


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