रिकरिंग डिपॉजिट (RD) निवेश के अच्छे विकल्पों में से एक मानी जाती है. यह स्कीम काफी लोकप्रिय है क्योंकि इसमें पैसा लगाने के लिए भारी भरकम राशि की जरूरत नहीं होती है. आरडी में एकमुश्त पैसा न लगाकर किस्तों में डिपॉजिट किया जा सकता है. इसमें बचत के साथ-साथ गारंटीड रिटर्न मिलता है.


सबसे खास बात ये है कि आरडी पर बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. लेकिन इसमें पैसे को समय पर जमा करवाना महत्वपूर्ण होता है. समय पर पैसा जमा नहीं कराने पर इसका असर रिटर्न पर पड़ता है.


क्या है आरडी स्कीम
आरडी एक ऐसी स्कीम है जिसमें हर माह एक तय राशि जमा करानी होती है. आरडी खुलवाने के समय ही यह तय हो जाता है कि कितनी राशि और कितने समय तक जमा करानी होगी. इसको कैश या चेक से जमा करया जा सकता है. तय समय पर राशि नहीं जमा कराने पर नुकसान हो सकता है.


समय पर राशि जमा नहीं होने का असर
आरडी की राशि तय समय जमा नहीं कराने पर बैंक  पेनल्टी लगा सकता है. इस पर हर बैंक के नियम अलग-अलग होते हैं. यदि कोई लगातार महीनों तक राशि जमा नहीं करता है तो आरडी अकाउंट बंद भी हो सकती है. बकाया राशि नहीं चुकाने तक यह अकाउंट बंद रहता है. हालांकि फ्लेक्सिबल आरडी अकाउंट पर कुछ महीने तक राशि जमा नहीं कराने पर भी पेनल्टी नहीं लगती है.


पेनल्टी से ऐसे बचें
आप कई तरीकों से आरडी पर पेनल्टी से बच सकते हैं.   इसके लिए आप ऑटो डेबिट फेसिलिटी का उपयोग कर सकते हैं. इसमें आपके बैंक खाते से आरडी का अमाउंट हर महीने अपने आप जमा हो जाएगा. इसके लिए आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आरडी के अमाउंट की ड्यू डेट पर आपके बैंक अकाउंट में पर्याप्त राशि हो.       


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