Housing Demand in India: भारतीय रियल एस्टेट बाजार (Property Market) में महंगाई (Inflation) और बढ़ती ब्याज दरों (High Interest Rate) के बावजूद इस साल की शुरुआत से प्रॉपर्टी की कीमतों (Property Price) में वृद्धि  जारी है. जब से लॉकडाउन प्रतिबंध हटाए गए है तब से भारत के प्रमुख शहरों में प्रीमियम और लक्जरी घरों की बढ़ती बिक्री के साथ ही हाउसिंग प्रॉपर्टी में भारी मांग देखी जा रही है. वाइसरॉय प्रॉपर्टीज लिमिटेड के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर सायरस मोदी कहते हैं कि रोजगार में बढ़ोतरी के कारण खर्च करने की शक्ति और लोगों की डिस्‍पोजेबल इनकम में बढ़ोतरी हुई है. हाल के रुझानों से पता चला है कि बढ़ते स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग और बड़े घरों की बढ़ती आवश्यकता के कारण आज लोगों में बेहतर सुविधाओं के साथ बड़े घरों में रहने की इच्छा है जो हायब्रिड वर्क कल्चर का पूरक बन सकें.


मोदी ने बताया कि चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान भारतीय रियल एस्टेट बाजार में अच्‍छी मांग देखी जा रही है. मेट्रो शहरों में लौटने वाले वर्कफोर्स के साथ ही लोगों द्वारा हाल के त्योहारी सीजन में किए गए खर्च ने मांग को बढ़ावा दिया है और 2022 के पहले 10 महीनों के लिए स्थिर बिक्री भी सुनिश्चित की है. भू-राजनीतिक समस्याओं (Geo-Political Issues) के बावजूद देश के प्रमुख शहरों में रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी रही है. आरबीआई ने मई 2022 से अबतक दरों में 190 बेसिस प्‍वाइंट्स की बढ़ोतरी की है और भविष्‍य में इसमें और इजाफे की उम्‍मीद है. ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी आने वाले समय में प्रॉपर्टी की डिमांड पर कुछ दबाव डाल सकता है. हालांकि, बढ़ती ब्याज दरों का प्रभाव अफोर्डेबल सेक्टरों की तुलना में लक्जरी में कम महसूस किया जाएगा.


इन कारकों के साथ मजबूत त्योहारी सीजन की बिक्री ने इस साल प्रॉपर्टी की मांग में तेजी लाने में योगदान दिया है. इस समय के दौरान, कुछ जाने-माने बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती की और अक्टूबर 2022 में रियल एस्टेट क्षेत्र में ग्रोथ दिखाते हुए त्योहारी सीजन के खर्च के बीच क्रेडिट ऑफ-टेक को बढ़ावा देने के लिए प्रोसेसिंग फीस माफ कर दिए. हालांकि, सस्‍ती ब्‍याज दरों की पेशकश सीमित समय के लिए की गई थी, और यह क्षेत्र अभी भी दर वृद्धि चक्र में होने के साथ ही ब्याज दरों में और वृद्धि देख सकता है. मोदी ने बताया कि इसलिए निवेशकों को मेरी सलाह होगी कि वे सावधानीपूर्वक होम लोन की योजना बनाएं क्योंकि होम लोन की दरें कम से कम 4-5 तिमाहियों तक ऊंची रहने की संभावना है. ऐसे मामलों में, घर खरीदार रेडी-टू-मूव-इन प्रॉपर्टी के बजाय नए लॉन्च का विकल्प चुन सकते हैं क्योंकि वे कम खर्चीले होते हैं.


मोदी ने कहा कि राजकोषीय स्थिति में सुधार के साथ, भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 23 में 7% या उससे अधिक बढ़ने की संभावना है, और आगे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि ब्याज दरों या मूल्य वृद्धि के बावजूद लक्जरी घरों और उच्च गुणवत्ता वाले रियल एस्टेट विकास की मांग स्थिर रहेगी. कुल मिलाकर, दीर्घावधि के दृष्टिकोण से, निकट भविष्य में मांग या मूल्य निर्धारण के मोर्चे पर कोई दबाव अपेक्षित नहीं है. प्रतिष्ठित नामों द्वारा विकसित परियोजनाएं भविष्य में स्थिर मांग और वृद्धि देखते रहेंगे.