Go First Update: एविएशन सेक्टर के रेग्यूलेटर डीजीसीए ने संकट से जूझ रही घरेलू एयरलाइंस गो फर्स्ट को फिर से अपने ऑपरेशन शुरू करने की योजना का विस्तृत खाका पेश करने को कहा है. डीजीसीए ने गो फर्स्ट से कहा है कि अगले 30 दिनों के भीतर एयरलाइंस ऑपरेशन शुरू करने के लिए 30 दिन के अंदर पुनरुद्धार योजना पेश करे.
डीजीसीए ने गो फर्स्ट से ऑपरेशन के लिए उपलब्ध एयरक्रॉफ्ट की संख्या बताने, पॉयलट्स और दूसरे पर्सनल, मेंटनेंस अरेंजमेंट और फंडिंग से जुड़े डिटेल्स उपलब्ध कराने को कहा है. गो फर्स्ट की तरफ से इन डिटेल्स उपलब्ध कराये जाने के बाद डीजीसीए उड़ान शुरू करने की दिशा में फिर उचित फैसला लेगी.
गो फर्स्ट ने खराब वित्तीय हालात के कारण 3 मई, 2023 से अपनी उड़ानों को रद्द किया हुआ है. गो फर्स्ट ने डीजीसीए को जानकारी दी है कि फिर से फ्लाइट्स के संचालन शुरू करने के लिए अभी तक कोई तारीख तय नहीं किया गया है. पिछले हफ्ते से कंपनी ने कहा था कि उसने 26 मई तक उड़ानें रद्द कर दी है उसके बाद ये कयास लगाया जा रहा था कंपनी 27 मई से अपने उड़ान के संचालन की शुरुआत 20 विमानों के साथ कर सकती है, लेकिन अब एयरलाइंस की इस सफाई के बाद फिलहाल ऑपरेशन शुरू होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.
दिल्ली उच्च न्यायालय की एक न्यायाधीश ने गो फर्स्ट को लीज पर विमान मुहैया कराने वाली कंपनियों की तरफ से दायर अर्जियों पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने बृहस्पतिवार को कोई कारण बताए बगैर इन याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग करने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस मामले को अब मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर शुक्रवार को किसी अन्य न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के लिए रखा जाए.
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने सोमवार को कहा कि गो फर्स्ट एयरलाइन के खिलाफ दिवाला समाधान के कार्यवाही को जारी रखा जाएगा, जिसके बाद विमान पट्टेदार कंपनियों को अपने विमान वापस लेने के प्रयासों को कड़ा झटका लगा है. गो फर्स्ट घरेलू बाजार में सस्ती हवाई सेवा देने वाली बड़ी कंपनियों में से एक है. एयरलाइंस लंबे वक्त से बुरे आर्थिक दौर से गुजर रही थी, जिसके बाद कंपनी ने 3 मई को अपनी फ्लाइट्स सेवाओं को बंद कर दिया. इसके साथ ही नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख करते हुए खुद को दिवालिया करने के लिए आवेदन दे दिया था जिसे स्वीकार कर लिया गया था.
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