टाटा समूह (Tata Group) की विमानन कंपनी एअर इंडिया (Air India) को अपने एक पायलट की गलती भारी पड़ रही है. संबंधित मामले में एक पायलट ने अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में बुला लिया था, जिसे लेकर विमानन नियामक DGCA ने सख्त रुख अपना लिया है. नियामक ने इस मामले को लेकर अब कंपनी के सीईओ (Air India CEO) समेत कुछ अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
फरवरी महीने का है मामला
यह मामला 27 फरवरी का है. उक्त मामले में दुबई-दिल्ली उड़ान के दौरान पायलट ने अपनी एक महिला मित्र को विमान के कॉकपिट में बुला लिया था. इसकी शिकायत चालक दल के ही एक सदस्य ने की थी. विमानों के कॉकपिट में सिर्फ उस विमान के चालक दल के सदस्यों की ही एंट्री होती है. अन्य लोग कॉकपिट में एंट्री नहीं कर सकते हैं. यह नियम यात्रियों और विमान की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है. यही कारण है कि इस नियम के उल्लंघन से विमानन नियामक डीजीसीए नाराज है.
इन दो अधिकारियों को नोटिस
नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े अहम नियम के उल्लंघन का इतना गंभीर मामला है, और कंपनी इसकी सूचना समय पर नहीं दे पाई. पीटीआई की एक खबर के अनुसार, इसी कारण डीजीसीए ने एअर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैम्पबेल विल्सन को कारण बताओ नोटिस भेजा है. सीईओ के अलावा एअर इंडिया के सुरक्षा, रक्षा एवं गुणवत्ता परिचालन प्रमुख हेनरी डोनोहोए को भी कारण बताओ नोटिस भेजा गया है.
डीजीसीए ने लगाया ये आरोप
संबंधित मामले में विमान के चालक दल के एक सदस्य ने डीजीसीए को शिकायत दी थी कि पायलट ने उड़ान के दौरान अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में आने दिया था. शिकायत मिलने के बाद डीजीसीए ने इस मामले में अपनी ओर से कार्रवाई की है. नियामक का कहना है कि कंपनी के अधिकारियों को पहले ही नोटिस भेजा जा चुका है. कंपनी ने इस मामले में जांच में भी देरी की है.
15 दिनों में देना है जवाब
पीटीआई के अनुसार, डीजीसीए के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि घटना की सूचना समय पर नहीं देने के लिए एअर इंडिया के सीईओ और उड़ान सुरक्षा के प्रमुख को 21 अप्रैल को ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. कंपनी की ओर से मामले की जांच में भी देरी की गई है. दोनों अधिकारियों को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है.
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