Go First Fliers Fumes: नागरिक उड्डयन सेक्टर की रेग्युलेटर डीजीसीए ने वित्तीय संकट झेल रही गो फर्स्ट एयरवेज के 3 और 4 मई दो दिनों के लिए उड़ानें रद्द करने के फैसले को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. डीजीसीए ने कहा कि बिना किसी सूचना के एयरलाइंस ने ये फैसला किया है. डीजीसीए ने कहा कि गो फर्स्ट तय शेड्यूल का पालन करने में विफल रहा है जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना होगा. ये शेड्यूल के अप्रूवल के अनुपालन के खिलाफ है.
डीजीसीए ने कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए करते हुए पूछा है कि क्यों ना उसके खिलाफ इस अवमानना के लिए कार्रवाई की जाए. गो फर्स्ट को 24 घंटे के भीतर अपना जवाब दाखिल करना होगा. रेग्युलेटर ने हवाई यात्रा के लिए टिकट बुक किए यात्रियों को होने वाली परेशानी को कम करने के लिए क्या कदम उठाये गए हैं इसकी जानकारी देने भी देने को कहा है. 5 मई से उड़ानों के शेड्यूल का डिटेल्स भी एयरलाइंस को देना होगा.
3 और 4 मई को गो फर्स्ट के साथ यात्रा के लिए जिन यात्रियों ने टिकट बुक किया हुआ था उनमें भारी नाराजगी देखी जा रही है. सोशल मीडिया पर ये यात्री एयरलाइंस के उड़ान रद्द करने के फैसले पर भड़के हुए हैं. गौरव वाधवान लिखते हैं कि उनकी कनेक्टिंग फ्लाइट थी जिसके बाद उन्हें ट्रेन पकड़ना था. अब मैं क्या करूं. उन्होंने पूछा कि क्या मुझे रिफंड मिलेगा?
एयरलाइंस ने यात्रियों से माफी मांगते हुए जवाब में कहा कि ये उड़ानें ऐसी वजहों से रद्द हुई है जो उनके बस में नहीं है. ऐसे कई हवाई यात्री हैं जो गो फर्स्ट के उड़ानें रद्द करने के फैसले के बाद अपनी नाराजगी जता रहे हैं. आपको बता दें 3 और 4 मई को उड़ानें रद्द करने के बाद वाडिया ग्रुप की एयरलाइंस गो फर्स्ट ने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्राईब्युनल के समक्ष वोलंट्री इंसोलवेंसी रिजोल्युशन के लिए आवेदन दाखिल किया है.
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