DGCA Rules: यात्रियों को डाउनग्रेड टिकट में शिफ्ट करने पर एयरलाइन को देना होगा मुआवजा, आने वाला है नियम
हवाई यात्रियों की कई शिकायतें मिलने के बाद डीजीसीए ने आज घोषणा की है कि, अगर यात्रियों को बिना जानकारी जारी टिकटों को अनैच्छिक रूप से डाउनग्रेड किया, तो एयरलाइन को मुआवजा देना होगा.
DGCA Rule Airlines: डीजीसीए उन यात्रियों को मुआवजा देने के लिए नियम जारी करेगा, जिनमें एयरलाइनों की ओर से यात्रियों को जारी किए टिकटों को अनैच्छिक रूप डाउनग्रेड कर दिया जाता है. डीजीसीए ने यह घोषणा हवाई यात्रियों की ओर से काफी शिकायतें मिलने के बाद की है. डीजीसीए ने नागर विमानन आवश्यकता (CAR) में संशोधन करने की प्रक्रिया में है, जो विमान में सवार होने से इनकार, उड़ानों के रद्द होने और उड़ानों में देरी के कारण एयरलाइनों की ओर से यात्रियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं से संबंधित है.
जानिए डीजीसीए ने क्या कहा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा, ''अगर किसी संशोधन से यात्री, जिसे उसकी बुक की गई श्रेणी के टिकट से अनैच्छिक रूप से डाउनग्रेड किया है, उसे एयरलाइन से रिफंड के रूप में करों सहित टिकट का पूरा मूल्य प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी. साथ ही, एयरलाइनों को अगली उपलब्ध श्रेणी में यात्री को मुफ्त में यात्रा करने की सुविधा देनी होगी. हितधारकों के परामर्श के बाद एयलाइन सोवाओं की नियामक संस्था डीजीसीए की ओर से अंतिम नियम जारी किए जाएंगे.
एविएशन रेगुलेटर ने बनाया प्रस्ताव
एविएशन रेगुलेटर ने यह भी प्रस्ताव बनाया है कि एयरलाइंस को एक ऐसे यात्री को ले जाने की जरूरत है, जिसे अगली उपलब्ध क्लास में डाउनग्रेड किया था. संशोधन यात्री को अनुमति देगा, जो अनैच्छिक रूप से टिकट की बुक क्लास से डाउनग्रेड किया है, एयरलाइन से रिफंड के रूप में कर सहित टिकट का पूरा मूल्य प्राप्त करने के लिए और अगली उपलब्ध कक्षा में एयरलाइन यात्री को मुफ्त में ले जाएगी.
सभी एयरलाइनों पर लागू होंगे नियम
डीजीसीए अध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि ये नियम उन सभी एयरलाइनों पर लागू होंगे जो भारत से संचालित होती हैं. नियामक ने कहा कि डीजीसीए अपने टिकट के डाउनग्रेड से प्रभावित हवाई यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) धारा-3, श्रृंखला एम भाग IV में संशोधन करने की प्रक्रिया में है. अंतिम विनियमन प्रकाशित होने से पहले प्रस्ताव को हितधारक परामर्श के माध्यम से जाना है. यह अगले 30 दिनों के लिए सार्वजनिक परामर्श के लिए भी खुला है. ये बदलाव करने का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब भारत में एयरलाइंस कथित तौर पर बिजनेस क्लास टिकट वाले यात्रियों को इकोनॉमी में डाउनग्रेड कर रही हैं.
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