Notice For Insurance Companies: डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के फर्जी दावे के लिए बीमा कंपनियों के खिलाफ अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एचडीएफसी बैंक, गो डिजिट इंश्योरेंस, पॉलिसी बाजार समेत कई ​बीमा कंपनियों को कारण बताओं नोटिस भेजा गया है. 


डीजीजीआई की ओर से ये नोटिस मुंबई, गाजियाबाद और बेंगलुरु ऑफिस से भेजे गए नोटिस में आरोप लगाया गया है कि इन कंपनियों ने बिना कोई सेवा प्रदान किए कई बीमा कंपनियों के लिए फर्जी चालान जारी किए, जो जीएसटी कानून के तहत एक दंडनीय अपराध है. अधिकारियों ने पिछले 15 दिनों में कई बिचौलियों को समन और नोटिस जारी किए है. ईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 120 बीमा संस्थाएं जांज के दायरे में हैं. 


नकली चालान के आधार पर उठाया लाभ 


ईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अधिकारी ने बताया, जांच में पता चला है कि बीमा कंपनियों ने इन नकली चालान के आधार पर वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के ​बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया है. एचडीएफसी, पॉलिसी बाजार और गो डिजिट ने इसपर अभी कोई जवाब नहीं दिया है. 


क्या कहता है नियम 


सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के नियम 16 में कहा गया है कि एक खरीदार के पास एक चालान होना चाहिए जिस पर जीएसटी का भुगतान किया गया है और ऐसे खरीदार को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए सामान या सर्विस उपलब्ध होनी चाहिए. अधिकारियों का दावा है कि मार्केटिंग की आड़ में अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट को पास करने की व्यवस्था की थी और एक दूसरे के साथ मिलीभगत करके फर्जी चालान बनाए गए थे. कंपनियों को ऐसी स्थिति में 100 फीसदी जुर्माना देना होगा. 


2,250 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला 


2022 के दौरान हुए जांच के दौरान 2,250 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी सामने आई है. इस जांच के दौरान ही बीमा कंपनियों को भी कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक 700 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली भी हुई है. डीजीजीआई समन पहले ही 12 बीमा कंपनियों को जारी किया जा चुका है. वहीं तीन जांच लास्ट स्टेप में है. इसके अलावा, आयकर विभाग की ओर से भी जांच जारी है. 


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